माघ के महीने में कौन से 5 देवी-देवता देते हैं शुभ वरदान, तुरंत जानिए

Webdunia
बुधवार, 19 जनवरी 2022 (12:41 IST)
Magha Month Puja: पौष के बाद माघ माह प्रारंग हो गया है। इस माह में दान, पुण्य, स्नान और सत्संग का खासा महत्व रहता है। इसी माह से मांगलिक कार्य भी प्रारंभ हो जाते हैं। हिन्दू शास्त्रों में इस माह को बहुत ही पवित्र माना गए है। इस माह में की गई पूजा, पाठ, प्रार्थना और साधना का फल तुरंत ही मिलता है। आओ जानते हैं कि इस माह में कौनसे5 देवी देवताओं की पूजा होती है।
 
 
1. श्रीहरि विष्णु : इस माह में विशेषकर भगवान विष्णु की पूजा होती है। श्रीहिर विष्णु की पूजा माता लक्ष्मी के साथ ही करना चाहिए। मान्यता है कि माघ माह में देवता धरती पर आकर मनुष्य रूप धारण करते हैं और प्रयाग में स्नान करने के साथ ही दान और जप करते हैं। इसीलिए प्रयाग में स्नान का खास महत्व है।
 
2. गंगा पूजा : माघ माह में गंगा पूजा और गंगा नदी में स्नान का महत्व सबसे ज्यादा माना गया है। पद्मपुराण में माघ मास के माहात्म्य का वर्णन करते हुए कहा गया है कि पूजा करने से भी भगवान श्रीहरि को उतनी प्रसन्नता नहीं होती, जितनी कि माघ महीने में स्नान मात्र से होती है। इसलिए सभी पापों से मुक्ति और भगवान वासुदेव की प्रीति प्राप्त करने के लिए प्रत्येक मनुष्य को माघ स्नान करना चाहिए। 'प्रीतये वासुदेवस्य सर्वपापानुत्तये। माघ स्नानं प्रकुर्वीत स्वर्गलाभाय मानवः॥'
 
3. सूर्यदेव : माघ माह में सूर्यदेव उत्तरायण होते हैं। इस माह में रथसप्तमी का त्योहार भी मनाया जाता है जिसमें सूर्यदेव की पूजा होती है। माघ माह की शुक्ल पक्ष की सप्तमी को सूर्य सप्तमी, अचला सप्तमी, रथ आरोग्य सप्तमी इत्यादि नामों से जानी जाती है। शास्त्रों में सूर्य को आरोग्यदायक कहा गया है। इनकी उपासना से रोग मुक्ति आसान हो जाती है। माघ मास की शुक्ल पक्ष की सप्तमी से संबंधित कथा का उल्लेख ग्रंथों में मिलता है।
 
4. गणेश पूजा : माघ मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्टी गणेश चतुर्थी भी कहते हैं। इस दिन तिल चतुर्थी का व्रत किया जाता है। यह व्रत करने से घर-परिवार में आ रही विपदा दूर होती है, कई दिनों से रुके मांगलिक कार्य संपन्न होते है तथा भगवान श्रीगणेश असीम सुखों की प्राप्ति कराते हैं। इस दिन गणेश कथा सुनने अथवा पढ़ने का विशेष महत्व माना गया है। व्रत करने वालों को इस दिन यह कथा अवश्य पढ़नी चाहिए। तभी व्रत का संपूर्ण फल मिलता है।
 
5. पितृदेव पूजा : इस माह में पितरों के निमित्त तर्पण करने का महत्व बताया गया है। पितरों के देव अर्यमा की पूजा खासतौर पर की जाती है। माघ कृष्ण द्वादशी को यम ने तिलों का निर्माण किया और दशरथ ने उन्हें पृथ्वी पर लाकर खेतों में बोया था। अतएव मनुष्यों को उस दिन उपवास रखकर तिलों का दान कर तिलों को ही खाना चाहिए। साथ ही यमदेव की पूजा भी करता चाहिए।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

Astrology: कब मिलेगा भवन और वाहन सुख, जानें 5 खास बातें और 12 उपाय

अब कब लगने वाले हैं चंद्र और सूर्य ग्रहण, जानिये डेट एवं टाइम

Akshaya tritiya 2024: अक्षय तृतीया कब है, जानें पूजा का शुभ मुहूर्त

वर्ष 2025 में क्या होगा देश और दुनिया का भविष्य?

Jupiter Transit 2024 : वृषभ राशि में आएंगे देवगुरु बृहस्पति, जानें 12 राशियों पर क्या होगा प्रभाव

Hast rekha gyan: हस्तरेखा में हाथों की ये लकीर बताती है कि आप भाग्यशाली हैं या नहीं

Varuthini ekadashi: वरुथिनी एकादशी का व्रत तोड़ने का समय क्या है?

Guru Shukra ki yuti: 12 साल बाद मेष राशि में बना गजलक्ष्मी राजयोग योग, 4 राशियों को मिलेगा गजब का लाभ

Akshaya tritiya 2024: अक्षय तृतीया पर सोना खरीदने का समय और शुभ मुहूर्त जानिए

Aaj Ka Rashifal: आज कैसा गुजरेगा आपका दिन, जानें 29 अप्रैल 2024 का दैनिक राशिफल

अगला लेख