आषाढ़ मास की देवशयनी एकादशी का व्रत सभी को करना चाहिए। यह व्रत परलोक में मुक्ति देने वाला माना गया है।
इसकी कथा को पढ़ने और सुनने से मनुष्य के समस्त पाप नाश को प्राप्त हो जाते हैं तथा इस दिन निम्न चीजों का त्याग करने से मनुष्य को मोक्ष की प्राप्ति होती है।
* सौभाग्य के लिए मीठे तेल का।
* स्वर्ग प्राप्ति के लिए पुष्पादि भोगों का।
* प्रभु शयन के दिनों में सभी प्रकार के मांगलिक कार्य जहां तक हो सके न करें।
* मधुर स्वर के लिए गुड़ का।
* दीर्घायु अथवा पुत्र-पौत्रादि की प्राप्ति के लिए तेल का।
* किसी भी तरह की शारीरिक, मानसिक, वाचिक और भावनात्मक हिंसा से परहेज करें।
* शत्रुनाशादि के लिए कड़वे तेल का। * मांस, शहद और दूसरे का दिया दही-भात आदि का भोजन करना, मूली, पटोल एवं बैंगन आदि का भी त्याग कर देना चाहिए।