Hanuman Chalisa

मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की संकष्टी चतुर्थी का क्या है महत्व?

Webdunia
Margashirsha Sankashti Chaturthi 2023: पुराणों में अगहन मास की चतुर्थी का बहुत धार्मिक महत्व बताया गया है। इस बार मार्गशीर्ष मास की कृष्ण पक्ष की संकष्टी चतुर्थी व्रत 30 नवंबर 2023, गुरुवार को किया जाएगा। इसे गणाधिप चतुर्थी के नाम से जाना जाता है। मार्गशीर्ष मास की यह गणाधिप संकष्टी चतुर्थी भगवान श्री गणेश को समर्पित है तथा जीवन के सभी कष्टों से मुक्ति दिलाने में लाभदायी मानी गई है। इस व्रत को करने से शत्रुओं पर विजय पाई जा सकती हैं। 
 
30 नवंबर 2023, बृहस्पतिवार : गणाधिप संकष्टी चतुर्थी
 
इस बार मार्गशीर्ष कृष्ण चतुर्थी का प्रारंभ- 30 नवंबर 2023, दिन गुरुवार को 05.54 ए एम पर होगा।
गणाधिप चतुर्थी का समापन- 1 दिसंबर को 07.01 ए एम पर होगा।

आइए जानते हैं मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की संकष्टी चतुर्थी व्रत के महत्व के बारे में- 
 
महत्व- मार्गशीर्ष संकष्टी चतुर्थी व्रत के पौराणिक महत्व के अनुसार एक बार पार्वती जी ने श्री गणेश से पूछा कि अगहन कृष्ण चतुर्थी संकटा कहलाती है, उस दिन किस गणेश की पूजा किस रीति से करनी चाहिए। 
 
श्री गणेश ने उत्तर दिया कि, हे हिमालयनंदनी! अगहन में पूर्वोक्त रीति से गजानन नामक गणेश की पूजा करनी चाहिए। पूजन के बाद अर्घ्य देना चाहिए। अपने शत्रु को वशीभूत करने हेतु जौ, तिल, चावल, चीनी और घृत का शाकला बनाकर हवन कराएं। दिन भर व्रत रखकर पूजन के बाद ब्राह्मण को भोजन कराएं। तत्पश्चात यह प्राचीन कथा सुनें। 
 
मान्यतानुसार इस व्रत की महिमा श्री कृष्ण जी ने महाराज युधिष्ठर को बतलाई थी, और उन्हें इस व्रत को करने के लिए कहा था, जिससे इस व्रत के प्रभाव से क्षण भर में सभी शत्रुओं को जीतकर संपूर्ण राज्य के अधिकारी बन सकें। तब भगवान श्री कृष्ण के वचन सुनकर युधिष्ठर ने श्री गणेश चतुर्थी का व्रत किया। इस व्रत के प्रभाव से वे अपने शत्रुओं को जीत कर राज्य के अधिकारी बन गए। 
 
इस दिन श्री गणेश जी का विधि-विधान के साथ पूजन करने और व्रत रखने से जीवन के सभी प्रकार के दुख-दर्द दूर होते हैं। बता दें कि संकष्टी चतुर्थी व्रतधारी को रात्रि में चंद्रमा की पूजा अवश्य ही करना चाहिए, क्योंकि इसके बिना चतुर्थी व्रत पूर्ण नहीं माना जाता होता है, इस दिन चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद ही पारण करके इस व्रत को पूर्ण किया जाता है। तथा यह चतुर्थी व्रत, मनुष्य के सभी कष्ट दूर करके मनोकामना पूर्ण करते हैं। 

ALSO READ: मार्गशीर्ष माह के हिंदू व्रत और त्योहार लिस्ट

ALSO READ: मार्गशीर्ष माह होने वाला है प्रारंभ, जानिए महत्व और कथा
 

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

Surya gochar 2025: सूर्य के तुला राशि में होने से 4 राशियों को मिलेगा लाभ ही लाभ

Chhath puja 2025: छठ पूजा की संपूर्ण सामग्री और विधि

Chhath puja ki kahani: छठ पूजा की कथा कहानी हिंदी में

Chhath puja 2025: बिहार में छठ पूजा कब है और क्यों मनाया जाता है?

Chhath puja 2025: छठ पूजा की 15 हार्दिक शुभकामनाएं और संदेश

सभी देखें

धर्म संसार

Chhath Puja Fashion Trends: छठ पूजा के फैशन ट्रेंड्स, जानें महापर्व छठ की पारंपरिक साड़ियां और शुभ रंग

Chhath Puja 2025 Date Time: छठ पूजा का पहला दिन नहाय खाये, मुहूर्त सहित जानिए क्या करते हैं इस दिन

गुरु और बुध का महासंयोग: नवपंचम राजयोग से इन 5 राशियों को मिलेगा भरपूर लाभ और सफलता

Chhath Puja 2025: वर्ष 2025 में छठ पूजा 27 या 28 अक्टूबर कब है?

History of Chhath Puja: छठ पूजा का प्रारंभ कब से हुआ, जानिए संपूर्ण इतिहास के साथ पौराणिक कथा, चौंक जाएंगे आप

अगला लेख