Dharma Sangrah

Ratha Saptami Date 2025: रथ सप्तमी क्यों मनाई जाती है?

WD Feature Desk
मंगलवार, 4 फ़रवरी 2025 (08:35 IST)
Ratha Saptami : धार्मिक शास्त्रों के अनुसार रथ सप्तमी एक महत्वपूर्ण हिन्दू त्योहार है, जो माघ माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को मनाया जाता है। यह त्योहार सूर्य देव को समर्पित है, जिन्हें ऊर्जा और जीवन का स्रोत माना जाता है।  वर्ष 2025 में रथ सप्तमी का पर्व मंगलवार, 4 फरवरी को मनाया जा रहा है। इस दिन खासकर सूर्य नारायण की उपासना की जाएगी। आइए यहां जानते हैं रथ या अचला सप्तमी के बारे में...ALSO READ: देवनारायण जयंती पर जानिए उनके बारे में 5 रोचक बातें

आइए यहां जानते हैं रथ या अचला सप्तमी के बारे में...
 
क्यों मनाया जाता है रथ सप्तमी का त्योहार : रथ सप्तमी को अचला सप्तमी और सूर्य जयंती के नाम से भी जाना जाता है। रथ सप्तमी मनाने के पीछे कई कारण हैं, पौराणिक कथाओं के अनुसार, माघ माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को सूर्य देव का जन्म हुआ था। इसलिए इस दिन को सूर्य जयंती के रूप में भी मनाया जाता है।

रथ सप्तमी के दिन सूर्यदेव अपने सात घोड़ों के रथ पर सवार होकर उत्तर दिशा की ओर अपनी यात्रा शुरू करते हैं। यह रथ जीवन, ऊर्जा और प्रगति का प्रतीक है। अत: सूर्य के रथ का प्रतीक के तौर पर रथ सप्तमी मनाई जाती है। 
 
इस संबंध में मान्यता है कि रथ सप्तमी के दिन सूर्य देव की पूजा करने से स्वास्थ्य और समृद्धि की प्राप्ति होती है। इस दिन स्नान, दान और व्रत करने से पुण्य फल मिलता है। रथ सप्तमी वसंत ऋतु के आगमन का भी प्रतीक होने के कारण यह त्योहार प्रकृति के चक्र को दर्शाता है और हमें प्रकृति के प्रति सम्मान और संतुलन बनाए रखने की प्रेरणा देता है। 
 
अत: रथ सप्तमी एक महत्वपूर्ण त्योहार है जो हमें सूर्य देव की महिमा और प्रकृति के प्रति सम्मान की याद दिलाता है। इस दिन सूर्य देव की पूजा करने से हमें स्वास्थ्य, समृद्धि और खुशियों का आशीर्वाद प्राप्त होता है और प्रकृति का संतुलन बना रहता है। मान्यता है कि इस दिन सूर्य देव की पूजा करने से सभी रोगों और पापों से मुक्ति मिलती है।ALSO READ: क्‍यों महाकुंभ में कुछ घाटों पर आम लोगों की भीड़ और कहीं आराम से वीडियो बनाते नजर आ रहे खास लोग?
  
रथ सप्तमी की पूजा विधि:
1. रथ सप्तमी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ वस्त्र धारण करें।
2. सूर्य देव को अर्घ्य दें और व्रत का संकल्प लें।
3. सूर्य देव की प्रतिमा या चित्र को एक चौकी पर स्थापित करें।
4. उन्हें लाल पुष्प, कुमकुम, अक्षत, धूप, दीप आदि अर्पित करें।
5. 'ॐ सूर्याय नमः' मंत्र का जाप करें।
6. रथ सप्तमी की कथा पढ़ें या सुनें।
7. अंत में सूर्य देव की आरती करें।
8. सूर्य देव से अपनी मनोकामनाएं कहें।
 
अस्वीकरण (Disclaimer) : चिकित्सा, स्वास्थ्य संबंधी नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष, इतिहास, पुराण आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं, जो विभिन्न सोर्स से लिए जाते हैं। इनसे संबंधित सत्यता की पुष्टि वेबदुनिया नहीं करता है। सेहत या ज्योतिष संबंधी किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें। इस कंटेंट को जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है जिसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।

ALSO READ: महाकुंभ में स्नान के साथ करें इन पवित्र मंत्रों का जाप, मिलेगा पुण्य का पूरा लाभ
 

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

Dussehra 2025: दशहरा पर शस्त्र पूजा का क्या है शुभ मुहूर्त, कैसे करते हैं पूजन?

Dussehra ke upay: यह रुपए 100 की चीज दशहरे पर घर लाएं, खुलेंगे किस्मत के ताले

Papankusha Ekadashi 2025: पापाकुंशा एकादशी कब है, जानें पूजन के शुभ मुहूर्त, विधि, महत्व और लाभ

विजयादशमी दशहरे पर कौनसे 10 महत्वपूर्ण कार्य करना बहुत जरूरी

Dussehra 2025: दशहरा पर रावण दहन का सही समय क्या है, जानें महत्व और मुहूर्त

सभी देखें

धर्म संसार

02 October Birthday: आपको 2 अक्टूबर, 2025 के लिए जन्मदिन की बधाई!

Aaj ka panchang: आज का शुभ मुहूर्त: 02 अक्टूबर, 2025: गुरुवार का पंचांग और शुभ समय

Diwali 2025 date: दिवाली कब है वर्ष 2025 में, एक बार‍ फिर कन्फ्यूजन 20 या 21 अक्टूबर?

Sharad purnima 2025: कब है शरद पूर्णिमा, क्या करते हैं इस दिन?

Monthly Horoscope October 2025: अक्टूबर माह में, त्योहारों के बीच कौन सी राशि होगी मालामाल?

अगला लेख