श्री सत्यनारायण पूजा : सरल विधि, कथा और महत्व

Webdunia
भगवान श्री सत्यनारायण (Lord Satyanarayan) की व्रत कथा आस्थावान हिन्दू धर्मावलंबियों के लिए जानी-मानी कथा है। संपूर्ण भारत में इस कथा के प्रेमी अनगिनत संख्या में हैं, जो इस कथा और व्रत का नियमित पालन व पारायण करते हैं। श्री सत्यनारायण व्रत-पूजन खास तौर पर पूर्णिमा और गुरुवार को भी किया जाता है। पौराणिक शास्त्रों और स्कंद पुराण के रेवाखंड में भगवान श्री सत्यनारायण की कथा (Shri Satyanarayan Katha) का उल्लेख किया गया है। यह कथा सभी प्रकार के मनोरथ पूर्ण करने वाली, अनेक दृष्टि से अपनी उपयोगिता सिद्ध करती है। यह कथा समाज के सभी वर्गों को सत्यव्रत की शिक्षा देती है। 
 
महत्व (Satyanarayan Vrat Importance)- शास्त्रों के अनुसार सत्य को ईश्वर मानकर, निष्ठा के साथ समाज के किसी भी वर्ग का व्यक्ति यदि इस व्रत व कथा का श्रवण करता है, तो उसे इससे निश्चित ही मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। शास्त्रों में कहा गया है कि सत्यनारायण कथा कराने से हजारों साल तक किए गए यज्ञ के बराबर फल मिलता है। साथ ही सत्यनारायण कथा सुनने को भी सौभाग्य की बात माना गया है। आमतौर पर देखा जाता है किसी भी शुभ काम से पहले या मनोकामनाएं पूरी होने पर सत्यनारायण व्रत की कथा सुनी जाती है। 
 
 
व्रत-पूजन विधि-satyanarayan puja vidhi
 
- सत्यनारायण व्रत पूर्णिमा के दिन करने का विशेष महत्व है, क्योंकि पूर्णिमा सत्यनारायण का प्रिय दिन है, इस दिन चंद्रमा पूर्ण कलाओं के साथ उदित होता है और पूर्ण चंद्र को अर्घ्य देने से व्यक्ति के जीवन में पूर्णता आती है। 
- पूर्णिमा के चंद्रमा को जल से अर्घ्य देना चाहिए। 
- श्री सत्यनारायण व्रत पूजनकर्ता को स्नान करके कोरे अथवा धुले हुए शुद्ध वस्त्र पहनें।
- माथे पर तिलक लगाएं और शुभ मुहूर्त में पूजन शुरू करें।
- इस हेतु शुभ आसन पर पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुंह करके सत्यनारायण भगवान का पूजन करें। 
- घर का वातावरण शुद्ध करके चौकी पर कलश रखकर भगवान श्री विष्णु की मूर्ति या सत्यनारायण की फोटो रख कर पूजन करें।
- इसके पश्चात्‌ सत्यनारायण व्रत कथा का वाचन अथवा श्रवण करें।
- संध्याकाल में किसी प्रकांड पंडित को बुलाकर सत्य नारायण की कथा श्रवण करवाना चाहिए। 
- भगवान को भोग में चरणामृत, पान, तिल, मोली, रोली, कुमकुम, फल, फूल, पंचगव्य, सुपारी, दूर्वा आदि अर्पित करें। इससे सत्यनारायण देव प्रसन्न होते हैं। 
- सत्यनारायण व्रत करने के लिए व्यक्ति को दिन भर उपवास रखना चाहिए। 
- परिवारजनों को एकत्रित करके भजन, कीर्तन, नृत्य गान आदि करें। सबके साथ प्रसाद ग्रहण करें, तदोपरांत चंद्रमा को अर्घ्य दें। यही सत्यनारायण भगवान की कृपा पाने का मृत्यु लोक में सरल उपाय है।
- मंत्र- 'ॐ श्री सत्यनारायणाय नमः' का 108 बार जाप करें।
 
पौराणिक कथा-Shri Satyanarayan Katha श्री सत्यनारायण की व्रत की पौराणिक कथा के अनुसार, चिरकाल में एक बार जब भगवान श्री हरि विष्णु क्षीरसागर में विश्राम कर रहे थे। उसी समय नारद जी वहां पधारे। नारद जी को देख भगवान श्री हरि विष्णु बोले- हे महर्षि आपके आने का प्रयोजन क्या है? 
 
तब नारद जी बोले- नारायण नारायण प्रभु! आप तो पालनहार हैं। सर्वज्ञाता हैं। प्रभु-मुझे ऐसी कोई सरल और छोटा-सा उपाय बताएं, जिसे करने से पृथ्वीवासियों का कल्याण हो। इस पर भगवान श्री हरि विष्णु बोले- हे देवर्षि! जो व्यक्ति सांसारिक सुखों को भोगना चाहता है और मरणोपरांत परलोक जाना चाहता है। उसे सत्यनारायण पूजा अवश्य करनी चाहिए। 
 
विष्णु जी द्वारा बताए गए व्रत का वृत्तांत व्यास मुनि जी द्वारा स्कंद पुराण में वर्णन करना। नैमिषारण्य तीर्थ में सुखदेव मुनि जी द्वारा ऋषियों को इस व्रत के बारे में बताना। सुखदेव मुनि जी ने कहा और इस सत्यनारायण कथा के व्रत में आगे जिन लोगों ने व्रत किया जैसे बूढ़ा लकड़हारा, धनवान सेठ, ग्वाला और लीलावती कलावती की कहानी इत्यादि और आज यही एक सत्यनारायण कथा का भाग बन चुका है। यही है सत्यनारायण कथा का उद्गम नारद जी और विष्णु जी का संवाद। हिन्दू धर्माव‍लंबियों के लिए श्री सत्यनारायण व्रत बहुत खास माना जाता है तथा इस व्रत को पूर्ण निष्ठापूर्वक करने से जीवन में सुख-सौभाग्य, आरोग्य, धन-वैभव सबकुछ प्राप्त होता है। 
 

सम्बंधित जानकारी

Show comments

Vasumati Yog: कुंडली में है यदि वसुमति योग तो धनवान बनने से कोई नहीं रोक सकता

Parshuram jayanti 2024 : भगवान परशुराम जयंती पर कैसे करें उनकी पूजा?

मांगलिक लड़की या लड़के का विवाह गैर मांगलिक से कैसे करें?

Parshuram jayanti 2024 : भगवान परशुराम का श्रीकृष्ण से क्या है कनेक्शन?

Akshaya-tritiya 2024: अक्षय तृतीया के दिन क्या करते हैं?

Aaj Ka Rashifal: पारिवारिक सहयोग और सुख-शांति भरा रहेगा 08 मई का दिन, पढ़ें 12 राशियां

vaishkh amavasya 2024: वैशाख अमावस्या पर कर लें मात्र 3 उपाय, मां लक्ष्मी हो जाएंगी प्रसन्न

08 मई 2024 : आपका जन्मदिन

08 मई 2024, बुधवार के शुभ मुहूर्त

Akshaya tritiya : अक्षय तृतीया का है खास महत्व, जानें 6 महत्वपूर्ण बातें

अगला लेख