स्कंद षष्ठी व्रत पर जानें पूजन के शुभ मुहूर्त, मंत्र, महत्व और विधि

WD Feature Desk
सोमवार, 9 सितम्बर 2024 (09:55 IST)
HIGHLIGHTS
 
* स्कंद षष्ठी क्यों मनाई जाती है।
* स्कंद षष्ठी के बारे में जानें।
* भगवान कार्तिकेय को समर्पित हैं स्कंद षष्ठी।

ALSO READ: September Weekly Horoscope: सितंबर में इन राशि वालों के लिए खुलेंगे तरक्की के दरवाजे, पढ़ें अपना साप्ताहिक राशिफल
 
Skanda Shashti : हिन्दू पंचांग के अनुसार हर माह आने वाली शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को स्कंद षष्ठी के पर्व के रूप में मनाया जाता है। मान्यतानुसार इस तिथि पर भगवान भोलेनाथ के बड़े पुत्र और श्री गणेश जी के भ्राता भगवान कार्तिकेय का जन्म हुआ था। अत: इस दिन कार्तिकेय भगवान का पूजन करने का विधान है। बता दें कि स्कंद षष्ठी एक तमिल पावन पर्व है, अत: दक्षिण भारत में यह पर्व पूर्ण श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जाता है।  
 
इस वर्ष भाद्रपद महीने की स्कंद षष्ठी आज, 09 सितंबर 2024, दिन सोमवार को मनाई जा रही है। 
 
महत्व : धार्मिक शास्त्रों के अनुसार स्कंद षष्ठी के दिन स्वामी कार्तिकेय ने तारकासुर नामक राक्षस का वध किया था, इसलिए इस दिन भगवान कार्तिकेय के पूजन से जीवन में उच्च योग के लक्षणों की प्राप्ति होती है। धार्मिक शास्त्रों में भी इस बात का भी उल्लेख मिलता है कि स्कंद षष्ठी का व्रत करने से काम, क्रोध, मद, मोह, अहंकार से मुक्ति मिलती है और सन्मार्ग की प्राप्ति होती है। 
 
पुराणों में वर्णन मिलता है कि भगवान विष्णु ने माया मोह में पड़े नारद जी का इसी दिन उद्धार करते हुए लोभ से मुक्ति दिलाई थी। इस दिन कार्तिकेय के साथ भगवान श्री‍हरि विष्णु जी के पूजन का विशेष महत्व माना गया है। इस व्रत से नि:संतानों को संतान की प्राप्ति तथा सफलता, सुख-समृद्धि, वैभव प्राप्त होता है। दरिद्रता-दुख का निवारण होता है तथा जीवन में धन-ऐश्वर्य मिलता है। 
 
मान्यतानुसार इस दिन घर की साफ-सफाई करके संकल्प लेकर व्रत की शुरुआत की जाती है। इस दिन भगवान कार्तिकेय के पूजन से रोग, राग, दुख और दरिद्रता का निवारण होता है। भगवान कार्तिकेय के पूजन से हर मनोकामना को पूर्ण होने की मान्यता है। यह व्रत क्रोध, लोभ, अहं, काम जैसी बुराइयों पर विजय दिलाकर अच्छा और सुखी जीवन जीने की प्रेरणा देता है। इस दिन भगवान कार्तिकेय का पूजन पूरे मन से अवश्‍य ही करना चाहिए। तथा पूजन के पश्चात ब्राह्मण भोज के साथ स्नान के बाद कंबल, गरम कपड़े दान करने से विशेष पुण्यफल की प्राप्ति होती है।  
 
09 सितंबर 2024, सोमवार : स्कन्द षष्ठी के मुहूर्त : Skanda Shashti Muhurat 2024 
 
इस बार भाद्रपद शुक्ल षष्ठी तिथि का प्रारंभ- 08 सितंबर, रविवार को शाम 07:58 मिनट से, 
भाद्रपद शुक्ल षष्ठी का समापन- 09 सितंबर, सोमवार को रात 09:53 मिनट पर होगा। 
 
* गुलिक काल- दोपहर 01:52 से 03:25 तक।
 
* यमगण्ड- सुबह 10:44 से 12:18 तक।
 
* अभिजित मुहूर्त- अपराह्न 11:53 से 12:43 तक।
 
* अमृत काल- सुबह 08:20 से 10:06 तक।
 
* राहुकाल-प्रात: 7:30 से 9:00 बजे तक।  

- मंत्र : 
'ॐ शारवाना-भावाया नम: ज्ञानशक्तिधरा स्कन्दा वल्लीईकल्याणा सुंदरा देवसेना मन: कांता कार्तिकेया नामोस्तुते।' 
- 'ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महा सैन्या धीमहि तन्नो स्कन्दा प्रचोदयात'। 
आदि का जाप करें। 
 
पूजा विधि-Puja Vidhi
 
- हर माह आने वाली स्कंद षष्ठी व्रत के दिन घर की साफ-सफाई करें। 
- प्रातः दैनिक कार्यों से निवृत्त होकर स्नानादि करके भगवान का ध्यान करते हुए व्रत का संकल्प लें।
- व्रतधारी इस दिन दक्षिण दिशा की तरफ मुंह करके भगवान कार्तिकेय का पूजन करें।
- अब भगवान कार्तिकेय के साथ शिव-पार्वती जी की प्रतिमा को स्थापित करें।
- पूजन में घी, दही, जल, पुष्प से अर्घ्य प्रदान करके कलावा, अक्षत, हल्दी, चंदन, इत्र आदि से पूजन करें।
- इस दिन कार्तिकेय का पूजन निम्न मंत्र से करें-
'देव सेनापते स्कन्द कार्तिकेय भवोद्भव। कुमार गुह गांगेय शक्तिहस्त नमोस्तु ते॥' 
- मौसमी फल, पुष्प तथा मेवे का प्रसाद चढ़ाएं। 
- भगवान कार्तिकेय से क्षमा प्रार्थना करें और पूरे दिन व्रत रखें।
- सायंकाल के समय पुनः पूजा के बाद भजन, कीर्तन और आरती करने के बाद फलाहार करें।
- रात्रि में भूमि पर शयन करें।
 
अस्वीकरण (Disclaimer) : चिकित्सा, स्वास्थ्य संबंधी नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष, इतिहास, पुराण आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं, जो विभिन्न सोर्स से लिए जाते हैं। इनसे संबंधित सत्यता की पुष्टि वेबदुनिया नहीं करता है। सेहत या ज्योतिष संबंधी किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें। इस कंटेंट को जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है जिसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।

ALSO READ: क्या है गणेशजी को दूर्वा चढ़ाने का महत्व? भगवान गणेश को क्यों पसंद है दूर्वा घास?

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

पढ़ाई में सफलता के दरवाजे खोल देगा ये रत्न, पहनने से पहले जानें ये जरूरी नियम

Yearly Horoscope 2025: नए वर्ष 2025 की सबसे शक्तिशाली राशि कौन सी है?

Astrology 2025: वर्ष 2025 में इन 4 राशियों का सितारा रहेगा बुलंदी पर, जानिए अचूक उपाय

बुध वृश्चिक में वक्री: 3 राशियों के बिगड़ जाएंगे आर्थिक हालात, नुकसान से बचकर रहें

ज्योतिष की नजर में क्यों है 2025 सबसे खतरनाक वर्ष?

सभी देखें

धर्म संसार

25 नवंबर 2024 : आपका जन्मदिन

25 नवंबर 2024, सोमवार के शुभ मुहूर्त

Weekly Horoscope: साप्ताहिक राशिफल 25 नवंबर से 1 दिसंबर 2024, जानें इस बार क्या है खास

Saptahik Panchang : नवंबर 2024 के अंतिम सप्ताह के शुभ मुहूर्त, जानें 25-01 दिसंबर 2024 तक

Aaj Ka Rashifal: 12 राशियों के लिए कैसा रहेगा आज का दिन, पढ़ें 24 नवंबर का राशिफल

अगला लेख