माघ माह का सोनकुंड मेला

अनिरुद्ध जोशी
शनिवार, 8 फ़रवरी 2020 (11:40 IST)
देशभर में कई तरह के मेलों का आयोजन होता है। जैसे कुंभ मेला, माघी मेला, राजिम मेला, सूरजकुंड मेला आदि। इसी तरह से सोनकुंड मेले का आयोजन भी होता है। यह मेला माघी पूर्णिमा के अवसर पर छत्तीसगढ़ में आयोजित होता है। सोनकुंड में निरंतर 80 वर्ष से माघी पूर्णिमा पर्व पर साधु संतों का आगमन होता है। बताया जाता है कि अनेक महापुरुषों ने यहां तपस्या की थी।
 
 
प्रतीकात्मक चित्र
छत्तीसगढ़ के पेन्ड्रा ‌‌क्षेत्र में सोनकुंड में अनूपपुर, शहडोल, कोरबा और बिलासपुर, लोरमी आदि स्थान से लोग पहुंचते हैं। संतों की उपस्थिति में धूमधाम से माघी पूर्णिमा पर्व मनाया गया। सोनकुंड को सोनमुडा और सोनबचरवार के नाम से भी जाना जाता है। सोनकुंड एक धार्मिक स्थल पर्यटन है। जहां पर छत्तीसगढ़ के ग्रामवासियों और वनवासियों के लोग दर्शन करने आते हैं।
 
 
सोनकुंड आश्रम में पांच दिवसीय मेला आयोजित होता है इसमें कई संत महात्मा सम्मलित होते हैं। आश्रम बेलगहना में भी संत समागम होता है। ज्ञात हो कि बेलगहना आश्रम से संबंधित 32 आश्रमों में प्रमुख माने जाने वाले सोनकुंड आश्रम में नर्मदा और सोनभद्र के प्राचीन मंदिर हैं।
 

सम्बंधित जानकारी

Show comments

क्या कर्मों का फल इसी जन्म में मिलता है या अगले जन्म में?

वैशाख अमावस्या का पौराणिक महत्व क्या है?

शनि अपनी मूल त्रिकोण राशि में होंगे वक्री, इन राशियों की चमक जाएगी किस्मत

Akshaya Tritiya 2024: अक्षय तृतीया से शुरू होंगे इन 4 राशियों के शुभ दिन, चमक जाएगा भाग्य

Lok Sabha Elections 2024: चुनाव में वोट देकर सुधारें अपने ग्रह नक्षत्रों को, जानें मतदान देने का तरीका

धरती पर कब आएगा सौर तूफान, हो सकते हैं 10 बड़े भयानक नुकसान

घर के पूजा घर में सुबह और शाम को कितने बजे तक दीया जलाना चाहिए?

Astrology : एक पर एक पैर चढ़ा कर बैठना चाहिए या नहीं?

100 साल के बाद शश और गजकेसरी योग, 3 राशियों के लिए राजयोग की शुरुआत

Varuthini ekadashi 2024: वरुथिनी व्रत का क्या होता है अर्थ और क्या है महत्व

अगला लेख