हिन्दू धर्म में सूर्य और चंद्र पर आधारित कई व्रत एवं त्योहार मनाए जाते हैं। सभी त्योहारों का अलग अलग महत्व होता है। वैदिक परंपरा में सूर्य आधारित व्रत और त्योहार का खास महत्व होता है। आओ जानते हैं कि भगवान सूर्य के लिए कौनसे प्रमुख त्योहार मनाए जाते हैं।
1. मकर संक्रांति : वैसे तो सूर्य की संक्रांति 12 हैं, लेकिन इनमें से 4 संक्रांति ही महत्वपूर्ण हैं जिनमें मेष, तुला, कर्क और मकर संक्रांति प्रमुख हैं। सूर्य संक्रांति में मकर सक्रांति का महत्व ही अधिक माना गया है। मकर संक्रांति के दिन सूर्य उत्तरायण होता है। तुला संक्रांति का कर्नाटक में खास महत्व है। कुंभ संक्रांति भी कहीं कहीं मनाई जाती है। मकर संक्रांति हर वर्ष 14 या 15 जनवरी को आती है।
2. छठ पर्व : यह भी सूर्य आराधना का पर्व है जो खासकर उत्तर भारत के लोग मनाते हैं। यह पर्व दिवाली के 6 दिन बाद मनाया जाता है। इसी पर्व को चैत्र नवरात्रि के छठे दिन भी मनाया जाता है... इसे चैती छठ कहते हैैं...छठ पूजा का व्रत महिलाएं अपनी संतान की रक्षा और पूरे परिवार की सुख शांति का वर मांगने के लिए करती हैं। इस दौरान सूर्य को संध्या अर्घ्य और उषा अर्घ्य दिया जाता है।
3. रथ सप्तमी : शुक्ल पक्ष के दौरान माघ महीने में 7 वें दिन, अर्थात सप्तमी तिथि, रथ सप्तमी का उत्सव मनाया जाता है। रथ सप्तमी का त्योहार वसंत पंचमी समारोह के दो दिन बाद किए जाते हैं। रथ सप्तमी का त्योहार पूरे भारत में मनाया जाता है। इस त्योहार के अन्य लोकप्रिय नाम माघ सप्तमी, माघ जयंती और सूर्य जयंती हैं। रथ सप्तमी को अचला सप्तमी, विधान सप्तमी और आरोग्य सप्तमी के नाम से भी जाना जाता है। रथ सप्तमी त्योहार भगवान सूर्य की जयंती के रूप में मनाया जाता है। इसी दिन सूर्यदेव सात घोड़ों के रथ पर सवार होकर प्रकट हुए थे। इसीलिए इस सप्तमी तिथि को रथ सप्तमी के नाम से जाना जाता है।
4. विष्णु के त्योहार : भगवान विष्णु के साथ ही भगवान सूर्य की उपासना का भी विधान है क्योंकि सूर्य भगवान विष्णु के ही अंश है।
5. रविवार : रविवार को सूर्यदेव का दिन माना जाता है। च्छा स्वास्थ्य व तेजस्विता पाने के लिए रविवार के दिन उपवास रखना चाहिए। रविवार का व्रत करने व कथा सुनने से मनुष्य की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। मान-सम्मान, धन-यश तथा उत्तम स्वास्थ्य मिलता है। जीवन में सुख-समृद्धि, धन-संपत्ति और शत्रुओं से सुरक्षा के लिए रविवार का व्रत सर्वश्रेष्ठ है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जातक की कुंडली में सूर्य की स्थिति ठीक न हो तो उसे समाज में मान-सम्मान नहीं मिलता है। उसे जीवनभर कष्ट रहता है। उसके जीवन में खुशहाली नहीं आ पाती। इसीलिए रविवार के दिन व्रत करने का महत्व बढ़ जाता है।
6. कुंभ पर्व : यह सूर्य आराधना का सबसे खास पर्व माना जाता है।