vishwakarma jayanti : विश्वकर्मा भगवान की सरल पूजा विधि और मंत्र

Webdunia
भगवान विश्वकर्मा यानि इस ब्रह्मांड के रचयिता। आज हम जो कुछ भी देखते हैं वो सब भगवान विश्वकर्मा ने ही 
बनाया है। माना जाता है भगवान ब्रह्मा के कहने पर विश्वकर्मा ने ये दुनिया बनाई थी। द्वारका से लेकर, भगवान शिव  का त्रिशूल भी विश्वकर्मा जी ने बनाया है।
भगवान विश्वकर्मा मंत्र
ॐ आधार शक्तपे नम:, ॐ कूमयि नम:, ॐ अनंतम नम:, ॐ पृथिव्यै नम:
इस दिन पूजा का विशेष महत्व है। माना जाता है कि अगर कन्या संक्रांति के दिन पूरे विधि विधान के साथ पूजा 
अर्चना की  जाए तो सारे कष्ट दूर हो जाते हैं, व्यापार में जो कठिनाई आ रही है वो दूर हो जाती है और धन सम्पदा घर आने लगती है।
 पूजा विधि 
-सबसे पहले सुबह जल्दी उठ कर स्नान करें। 
-पूजा स्थान को साफ करके प्रतिमा रखें। 
-हाथ में पुष्म, और अक्षत लेकर ध्यान लगाएं। 
-इस मंत्र का जाप करें। 
ॐ आधार शक्तपे नम:, ॐ कूमयि नम:, ॐ अनंतम नम:, ॐ पृथिव्यै नम:
- भगवान को भोग लगाएं।  
-विधिपूर्वक आरती उतारें।  
-अपने औजारों और यंत्र की पूजा कर हवन करें।  
ALSO READ: Vishwakarma Aarti : इन 4 आरतियों से भगवान विश्वकर्मा होंगे प्रसन्न, पढ़ें एक साथ

ALSO READ: Vishwakarma जयंती पर पढ़ें भगवान विश्वकर्मा के 108 नाम

ALSO READ: vishwakarma jayanti 2020 : श्री भगवान विश्वकर्मा का पवित्र चालीसा

सम्बंधित जानकारी

Show comments

Astrology : किस राशि के लोग आसानी से जा सकते हैं आर्मी में?

Vastu Tips : वास्तु के अनुसार इन 4 जगहों पर नहीं रहना चाहिए, जिंदगी हो जाती है बर्बाद

Mangal Gochar : मंगल का मीन राशि में प्रवेश, 12 राशियों का राशिफल जानें

Shani Sade Sati: 3 राशि पर चल रही है शनिदेव की साढ़ेसाती, 2 पर ढैया और किस पर कब लगेगा शनि?

Vastu Tips : वास्तु शास्त्र के अनुसार घर में 2 वास्तु यंत्र रखने से होता है वास्तु दोष दूर

बृहस्पति का वृषभ राशि में गोचर, 4 राशियों को होगा नुकसान, जानें उपाय

Sabse bada ghanta: इन मंदिरों में लगा है देश का सबसे वजनी घंटा, जानें क्यों लगाते हैं घंटा

अब कब लगने वाले हैं चंद्र और सूर्य ग्रहण, जानिये डेट एवं टाइम

वर्ष 2025 में क्या होगा देश और दुनिया का भविष्य?

वैष्णव संत रामानुजाचार्य के बारे में 5 खास बातें

अगला लेख