विवाह पंचमी के दिन लोग क्यों नहीं करते कन्या की शादी, जानिए कारण

Webdunia
विवाह पंचमी का सभी पुराणों में विशेष महत्व है लेकिन इतना महत्व होने के बावजूद कई जगह इस दिन विवाह नहीं किए जाते हैं। चाहे धार्मिक दृष्टि से इस दिन का बहुत महत्व है, लेकिन मिथिलांचल और नेपाल में इस दिन विवाह नहीं किए जाते हैं। त्योहार मनाया जाता है, लेकिन सीता के दुखद वैवाहिक जीवन को देखते हुए इस दिन विवाह निषेध होते हैं।
 
भौगोलिक रूप से सीता मिथिला की बेटी कहलाई जाती है। इसलिए भी मिथिलावासी सीता के दुख और कष्टों को लेकर अतिरिक्त रूप से संवेदनशील हैं। 14 वर्ष वनवास के बाद भी गर्भवती सीता का राम ने परित्याग कर दिया था।
 
इस तरह राजकुमारी सीता को महारानी सीता का सुख नहीं मिला। इसीलिए विवाह पंचमी के दिन लोग अपनी बेटियों का विवाह नहीं करते हैं। आशंका यह होती है कि कहीं सीता की तरह ही उनकी बेटी का वैवाहिक जीवन दुखमय न हो।
 
सिर्फ इतना ही नहीं, विवाह पंचमी पर की जाने वाली रामकथा का अंत राम और सीता के विवाह पर ही हो जाता है। क्योंकि दोनों के जीवन के आगे की कथा दुख और कष्ट से भरी है और इस शुभ दिन सुखांत करके ही कथा का समापन कर दिया जाता है।

ALSO READ: 12 दिसंबर को विवाह पंचमी : प्रभु श्री राम एवं सीता के शुभ विवाह का पवित्र दिन
 

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

वर्ष 2025 में रहेगा शनि के शश योग का प्रभाव, 3 राशियों को होगा फायदा

Happy new year 2025: नए साल की शुरुआत इन मंदिरों में दर्शन करके करें, पूरा साल रहेगा शुभ

Ayodhya: नववर्ष से पहले लगभग सभी होटल बुक, मंदिर ट्रस्ट ने दर्शन का समय बढ़ाया

Astrology 2025.: शुक्र का कुंभ राशि में गोचर, 12 राशियों में से 2 राशियों को रहना होगा बचकर

वर्ष 2025 में ये 3 राशियां रहें बचकर, 5 तरह की रखें सावधानी

सभी देखें

धर्म संसार

Prayagraj Mahakumbh : चौथे अखाड़े ने छावनी में किया प्रवेश, अटल अखाड़े ने निकाली 5 KM लंबी पेशवाई

02 जनवरी 2025 : आपका जन्मदिन

02 जनवरी 2025, गुरुवार के शुभ मुहूर्त

Aaj Ka Rashifal: 01 जनवरी 2025, नए साल का पहला दिन, जानें 12 राशियों का दैनिक राशिफल

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की शपथ ग्रहण कुंडली से जाने उनकी सरकार का भविष्य

अगला लेख