नृसिंह जयंती व्रत कैसे करें?

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श्री नृसिंह जयंती व्रत कैसे करे ं
इस दिन प्रातः ब्रह्म मुहूर्त में सोकर उठें।
संपूर्ण घर की साफ-सफाई करें।
इसके बाद गंगा जल या गौमूत्र का छिड़काव कर पूरा घर पवित्र करें।

नृसिंह देवदेवेश तव जन्मदिने शुभे।
उपवासं करिष्यामि सर्वभोगविवर्जितः ॥

इस मंत्र के साथ दोपहर के समय क्रमशः तिल, गोमूत्र, मृत्तिका और आँवला मलकर पृथक-पृथक चार बार स्नान करें।
इसके बाद शुद्ध जल से स्नान करना चाहिए।
पूजा के स्थान को गोबर से लीपकर तथा कलश में तांबा इत्यादि डालकर उसमें अष्टदल कमल बनाना चाहिए।
अष्टदल कमल पर सिंह, भगवान नृसिंह तथा लक्ष्मीजी की मूर्ति स्थापित करना चाहिए।
तत्पश्चात वेदमंत्रों से इनकी प्राण-प्रतिष्ठा कर षोडशोपचार से पूजन करना चाहिए।
रात्रि में गायन, वादन, पुराण श्रवण या हरि संकीर्तन से जागरण करें।
दूसरे दिन फिर पूजन कर ब्राह्मणों को भोजन कराएँ।

नृसिंह जयंती के दिन क्या करे ं
इस दिन व्रती को दिनभर उपवास रहना चाहिए।
सामर्थ्य अनुसार भू, गौ, तिल, स्वर्ण तथा वस्त्रादि का दान देना चाहिए।
क्रोध, लोभ, मोह, झूठ, कुसंग तथा पापाचार का त्याग करना चाहिए।
इस दिन व्रती को ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए।

नृसिंह जयंती का व्रत फ ल
व्रत करने वाला व्यक्ति लौकिक दुःखों से मुक्त हो जाता है।
भगवान नृसिंह अपने भक्त की रक्षा करते हैं।
व्रती को इच्छानुसार धन-धान्य की प्राप्ति होती है।

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