भगवान कार्तिकेय मंदिर पट खुलें

भगवान कार्तिकेय देंगे दर्शन

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वर्षभर में एक बार खुलने वाले भगवान कार्तिकेय मंदिर के पट कार्तिकेय पूर्णिमा को फिर खुल गए हैं। मान्यता है कि कार्तिकेय भगवान के दर्शन करने से घरों में खुशहाली व सुख-शांति एक वर्ष तक बनी रहती है।

मध्यप्रदेश के संभवतः इकलौते प्राचीन मंदिरों में से एक ग्वालियर के गंगा मंदिर, जीवाजीगंज में स्थित है। मंदिर के पुजारी पं. जमनाप्रसाद शर्मा की पांच पीढि़यां इस मंदिर में वर्षों से सेवा करती आ रही हैं।

पुजारी का कहना है कि शास्त्रों में यह वर्णन है कि शंकरजी की आज्ञा के बाद जब भगवान गणेश और कार्तिकेय पृथ्वी परिक्रमा के लिए गए थे। गणेश जी भारी-भरकम शरीर वाले होने के कारण एक जगह बैठ गए और कार्तिकेय मोर पर सवार होकर पृथ्वी परिक्रमा पर चले गए। कार्तिकेय काफी वर्षों तक भ्रमण करते रहे और परिक्रमा पूरी नहीं कर सके।

गणेशजी ने धीरे-धीरे अपने माता-पिता की परिक्रमा पूरी कर ली और गणेश जी को बुद्धिमान मान लिया गया। बड़ा मानकर गणेशजी की शादी करा दी। जब कार्तिकेय वापस आए तो वे इस बात से क्रोधित होकर तपस्या पर चले गए।

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जब शंकर-पार्वती कार्तिकेय को मनाने के लिए गए तो उन्होंने शंकर-पावती को शाप दे दिया कि जो स्त्री दर्शन करेंगी तो सात जन्म वह विधवा रहेंगी और पुरुष दर्शन करेंगे तो वे सात जन्म तक नरक को भोगेंगे।

फिर शंकर-पार्वती ने आग्रह किया कि कोई ऐसा दिन हो, जब आपके दर्शन हो सकें। तब भगवान कार्तिकेय ने कहा कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन जो दर्शन करेगा, उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होंगी। जब से यह एक वर्ष में एक बार कार्तिकेय पूर्णिमा को खुलता है।

भगवान कार्तिकेय के पट आम भक्तों के लिए सुबह 4 बजे से खुल गई है। सुबह अभिषेक के साथ भजन-कीर्तन दिन भर होंगे। भक्तों द्वारा प्रसाद वितरित किया जाएगा। वहीं दूसरे दिन सुबह 4 बजे भोग लगाकर मंदिर के पट बंद होंगे। इस अवसर पर मंदिर के बाहर प्रसाद की दुकानें भी सजेंगी।

इस मंदिर में हनुमान जी के साथ गंगा, जमुना, सरस्वती, लक्ष्मी नारायण व भगवान कार्तिकेय आदि के मंदिर हैं। जिसमें भगवान कार्तिकेय का मंदिर वर्ष में एक बार कार्तिकेय पूर्णिमा को ही खुलता है। वहीं अन्य मंदिर प्रतिदिन खुलते हैं। कार्तिकेय पूर्णिमा को लेकर मंदिर प्रशासन ने व्यापक इंतजाम कर रखे हैं।

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