सूर्यदेव नारी के रूप में पूजे जाएँगे

Webdunia
ND

छठ मैया की आराधना में शुक्रवार को व्रतियों ने दिन भर निर्जला व्रत रखा। शनिवार को अस्ताचलगामी सूर्य को पहला अर्ध्य दिया जाएगा। इस समय छठ में सूर्यदेव नारी के रूप में पूजे जाएँगे।

देशभर में छठ महापर्व की धूम है। शुक्रवार को छठ मैया की पूजा करने वाले व्रतियों ने घाटों में स्नान कर दिन भर निर्जला व्रत रखा। शाम को शुद्घता के साथ अलग चूल्हे में खीर और पूड़ी का प्रसाद बनाया गया। शांत माहौल में व्रतियों ने उसी प्रसाद को खाकर व्रत तोड़ा। इसके बाद खीर का प्रसाद सभी को वितरित किया गया।

दूसरे दिन शनिवार को दिन भर व्रती और उनके परिजनों ने विशेष प्रसाद आटे का अगरौटा (ठेकुआ) बनाया। शाम में व्रती और परिजन सूपा और दौरी में पूजन सामग्री, ऋतु फᆬल, दीप सजाकर उसे सिर में उठाकर घाट जाएँगे। वहाँ डूबते सूर्य को पहला अर्ध्य अर्पित किया जाएगा। रविवार की सूबह उगते सूर्य को अर्ध्य देने के साथ पर्व का समापन होगा।

मान्यता है कि छठ में सूर्यदेव नारी के रूप में पूजे जाते हैं। इस बारे में पं. रामप्रकाश पाण्डेय ने बताया कि मान्यताओं के अनुसार एक बार भगवान परशुराम की माता रेणुका घर के आंगन में तुलसी चौरा की पूजा कर रहीं थी। उस वक्त सूर्य अपने प्रचंड ताप में थे और रेणुका पसीने से लथपथ थीं।

रेणुका की यह स्थिति उनके पति जमदग्नी ऋषि ने देखा तो उन्हें सूर्य पर क्रोध आ गया और उन्होंने सूर्य को नारी बनने का श्राप दे दिया। इसके बाद सूर्य देव के क्षमा माँगने पर जमदग्नी ऋषि ने उन्हें माफ कर दिया और कहा कि श्राप खाली नहीं जाता। आज के बाद वर्ष में एक बार सूर्य को नारी के रूप में पूजा जाएगा।

छठ पूजा का वैज्ञानिक महत्व- छठ पूजा का आध्यात्मिक के साथ सामाजिक और वैज्ञानिक महत्व भी है। सूर्य का हमारे जीवन में साक्षात और प्रत्यक्ष प्रभाव रहता है। इस पूजा में कमर तक पानी में डूबकर सूर्य को अर्ध्य दिया जाता है। इससे व्रतियों का कटि स्नान होता है। कटि स्नान का आयुर्वेद में काफी महत्व माना जाता है।

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

Durga ashtami Puja vidhi: शारदीय नवरात्रि 2024: दुर्गा अष्टमी पूजा की विधि, महत्व, मंत्र, भोग, कथा और उपाय

Dussehra 2024 date: दशहरा पर करते हैं ये 10 महत्वपूर्ण कार्य

Navratri 2024: देवी का एक ऐसा रहस्यमयी मंदिर जहां बदलती रहती है माता की छवि, भक्तों का लगता है तांता

Dussehra: दशहरा और विजयादशमी में क्या अंतर है?

सिर्फ नवरात्रि के 9 दिनों में खुलता है देवी का ये प्राचीन मंदिर, जानिए क्या है खासियत

सभी देखें

धर्म संसार

दिवाली के पहले 2 शुभ योगों से युक्त गुरु पुष्य नक्षत्र का योग, जानिए क्या रहेगा खरीदारी का शुभ मुहूर्त

Aaj Ka Rashifal: आज इन 4 राशियों को रखना होगा स्वास्थ्य का ध्यान, पढ़ें 08 अक्टूबर का दैनिक राशिफल

Navratri Sashti devi maa katyayani: शारदीय नवरात्रि की षष्ठी की देवी कात्यायिनी की पूजा विधि, मंत्र, आरती, कथा और शुभ मुहूर्त

08 अक्टूबर 2024 : आपका जन्मदिन

08 अक्टूबर 2024, मंगलवार के शुभ मुहूर्त