आपको जरूर पता होना चाहिए पारसी धर्म के संस्थापक पैगंबर जरथुस्त्र से जुड़ा यह प्रसंग

Webdunia
ईरान के प्राचीन धर्म के संस्थापक जरथुस्त्र से जुड़ा एक प्रसंग है। इस प्रसंग के अनुसार प्राचीन फारस के बल्ख राज्य का राजा गुस्तास्प पहली ही मुलाकात में उनके विचारों से इतना प्रभावित हो गया कि उसने महल में ही उनके रहने की व्यवस्था कर दी।
 
 
वह रोज उनसे धार्मिक ग्रंथ अवेस्ता में संकलित परमेश्वर अहूरा मज्दा के सत्य को सुनने-समझने लगा। जल्द ही वह उन्हें दरबार में अपने समीप बिठाकर उनसे राजकाज में रायशुमारी करने लगा। यह विशेष सम्मान मिलने पर कई दरबारी जरथुस्त्र से जलने लगे। वे अकसर उनके विरुद्ध राजा के कान भी भरते, लेकिन राजा उनकी बातों पर ध्यान नहीं देता था।
 
तब उन्होंने जरथुस्त्र के कक्ष में मानव खोपड़ी आदि रखकर उन पर जादू-टोना करने का आरोप लगा दिया। साथ ही राजा से यह भी कहा कि आप भी इसके जादू के वशीभूत होकर ही हमारी बातों पर ध्यान नहीं देते। राजा को पहले तो उनकी बातों पर यकीन नहीं हुआ, लेकिन कक्ष से बरामद सामान को देखकर उसने जरथुस्त्र को जेल में डलवा दिया। इस बीच राजा के सबसे प्यारे घोड़े के चारों पैर अकड़ गए। बड़े-बड़े हकीम भी उसे ठीक नहीं कर पाए।
 
तब जरथुस्त्र ने राजा तक संदेश भिजवाया कि वे उसे ठीक कर सकते हैं। राजा ने तुरंत उन्हें भरे दरबार में बुलवाया। घोड़े को भी वहां लाया गया।
 
जरथुस्त्र ने राजा से पूछा- क्या आप आज भी मु्‌झे दिल से निर्दोष और ईश्वर का दूत मानते हैं? राजा के हामी भरते ही घोड़े की एक टाँग ठीक हो गई। इसके बाद उन्होंने युवराज और महारानी से धर्म-प्रचार का वादा लिया।
 
इससे घोड़े की दो और टांगे ठीक हो गईं। अंत में उन्होंने अपने कक्ष के दरबान को बुलाकर दरबारियों की पोल खुलवाई। सच जानकर गुस्से में आए राजा ने जैसे ही दोषी दरबारियों को देश-निकाले का आदेश दिया, घोड़ा चारों टांगों पर खड़ा हो गया।

ALSO READ: पारसी धर्म और उससे जुड़ा इतिहास और परंपरा और कुछ अनछुए पहलू जानिए

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

पर्स में रखें ये 5 चीजें, कभी नहीं होगी धन की कमी बरसेगी मां लक्ष्मी की कृपा

चैत्र नवरात्रि पर IRCTC का वैष्‍णोदेवी स्पेशल टूर पैकेज, जानिए कम खर्च में कैसे जा सकते हैं माता रानी के दरबार में

चैत्र नवरात्रि 2025 की अष्टमी तिथि कब रहेगी, क्या रहेगा पूजा का शुभ मुहूर्त?

बुध ग्रह मीन राशि में अस्त, 3 राशियां रहेंगी मस्त

बुध हुए मीन राशि पर अस्त, जानें 5 राशियों पर क्या होगा असर

सभी देखें

धर्म संसार

21 मार्च 2025 : आपका जन्मदिन

21 मार्च 2025, शुक्रवार के शुभ मुहूर्त

jhulelal jayanti 2025: भगवान झूलेलाल की कहानी

चैत्र नवरात्रि पर घट स्थापना और कलश स्थापना क्यों करते हैं?

जानिए कब शुरू को रही है केदारनाथ समेत चारधाम की यात्रा

अगला लेख