मध्यप्रदेश में तीन चरणों के लोकसभा चुनाव खत्म होने के बाद अब चौथे चरण की आठ सीटों पर चुनाव प्रचार तेज हो गया है। चौथे चरण में प्रदेश की जिन आठ सीटों पर मतदान होना है उसमें धार, देवास, उज्जैन, मंदसौर, रतलाम, इंदौर, खरगोन और खंडवा लोकसभा क्षेत्र शामिल है। चौथे चरण में चुनाव प्रचार के लिए खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को धार और खरगौन में चुनावी रैली करके सियासी तापमान को और गर्मा दिया।
धार लोकसभा सीट चर्चा में क्यों?-प्रदेश में चौथे चरण में जिन 8 सीटों पर चुनाव होना है उसमें धार लोकसभा सीट पर सबकी निगाहें लगी हुई है। लोकसभा चुनाव के दौरान धार भोजशाला के सर्वे से यह मुद्द् अचानक से गर्मा गया है। मंगलवार को धार में चुनावी सभा करने पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी मंच से धार की भोजशाला का जिक्र कर इस मुद्दें को गर्मा दिया है। वहीं दूसरी ओर विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार भी धार से ही आते है और धार में कांग्रेस उम्मीदवार राधेश्याम मुवेल के टिकट को लेकर काफी गहमा गहमी रही थी। धार लोकसभा सीट की 8 विधानसभा सीटों में से 5 पर कांग्रेस का कब्जा होने से चुनावी मुकाबला दिलचस्प होने की संभावना जताई जा रही है।
धार में कौन किस पर भारी?-धार में भाजपा प्रत्याशी सावित्री ठाकुर और कांग्रेस प्रत्याशी राधेश्याम मुवेल के बीच आमने-सामने का मुकाबला है। वर्तमान सांसद छतर सिंह दरबार का टिकट काटकर भाजपा ने पूर्व सांसद सावित्री ठाकुर को अपना उम्मीदवार बनाया है। वहीं कांग्रेस ने नए चेहरे के तौर पर राधेश्याम मुवले के मैदान में उतारा है। कांग्रेस उम्मीदवार राधेश्याम मुवेल अब तक कोई बड़ा चुनाव नहीं लड़ा है। आदिवासी वोटर्स के बाहुल्य वाली धार लोकसभा सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार राधेश्याम मुवेल की आदिवासियों के बीच गहरी पैठ है और वह इसी के बल पर भाजपा को चुनौती देने की कोशिश कर रहे है।
भाजपा ने धार में अपने वर्तमान सांसद छतर सिंह दरबार का टिकट काटकर महिला चेहरे के तौर पर पूर्व सांसद सावित्री ठाकुर को मैदान में उतारा है। वर्तमान सांसद का टिकट कटने से भाजपा को चुनाव में भितरघात का डर सता रहा है, यहीं कारण है कि धार की चुनावी कमान अब पार्टी के बड़े नेताओं ने अपने हाथों में ले ली है। वहीं दूसरी ओर कांग्रेस उम्मीदवार राधेश्याम मुवेल के टिकट बदलने की अटकलें काफी लंबे समय तक लगाई जाती रही, हलांकि जैसे-जैसे चुनाव जोर पकड़ता गया कांग्रेस अब एकजुट होकर चुनाव रण में कूद गई है।
भोजशाला बनाम आदिवासी चुनावी मुद्दा-धार में लोकसभा चुनाव के दौरान भोजशाला के सर्वे से वह एक बड़ा चुनावी मुद्दा है। मंगलवार को खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भोजशाला का जिक्र करके इसको और हवा दे दी। पीएम मोदी ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा विकास भी, विरासत भी के मंत्र पर चलती है लेकिन कांग्रेस ने विरासत और आस्था के हर कार्य का विरोध किया है। कांग्रेस न महाकाल कॉरिडोर तक का विरोध किया, इसलिए भाजपा धार की भोजशाला, बाग गुफाएं और मांडू का जहाज महल जैसी जगहों पर सुविधाओं का विस्तार कर रही है।
धार लोकसभा क्षेत्र आदिवासी वोटर्स में भिलाला और भील आदिवासियों की तादाद सबसे ज्यादा है। वहीं भाजपा की सावित्री ठाकुर और कांग्रेस के राधेश्याम मुवेल दोनों भिलाला आदिवासी हैं। इसलिए जातिगत समीरण भी चुनाव में मुद्दा बनता दिख रहा है। आदिवासी वोटर्स में कांग्रेस की अच्छी पकड़ चुनावी मुकाबले को दिलचस्प बना रही है इसके अलावा लोकसभा क्षेत्र में पाटीदार, सिरवी, जाट के साथ पिछड़ वर्ग के मतदाताओं की बड़ी तादाद है। चुनाव में समाजों को अपनी ओर आकर्षित करने के उद्देश्य से भाजपा और कांग्रेस ने संबंधित समाजों के नेताओं को प्रचार के लिए चुनावी मैदान में उतार दिया है।
विधानसभा चुनाव के नतीजों से भाजपा चौंकन्नी-धार लोकसभा सीट में आने वाली आठ विधानसभा सीटों पर वर्तमान में 5 पर कांग्रेस का कब्जा है। पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव में लोकसभा क्षेत्र के तहत आने वाली 8 में से 5 विधानसभा सीटें कांग्रेस जीत गई जबकि भाजपा को सिर्फ 3 सीटों से संतोष करना पड़ा। हलांकि 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने धार लोकसभा सीट लगभग डेढ़ लाख वोटों के अंतर से जीती थी और छत्तर सिंह दरबार सांसद चुने गए थे।