कुंभ में स्नान करती महिलाओं के फोटो छापने पर कोर्ट की कड़ी फटकार, नहीं माना आदेश तो होगी कार्रवाई

Webdunia
शनिवार, 9 फ़रवरी 2019 (18:22 IST)
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कुंभ मेला प्रयागराज में स्नान घाटों पर फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी पर रोक का कड़ाई से पालन करने का निर्देश दिया है।

कोर्ट ने कहा कि प्रिंट या इलेक्ट्रानिक मीडिया की ओर से निर्देशों का उल्लंघन करने पर नियमानुसार कड़ी कार्रवाई की जाएगी। कोर्ट ने कहा कि अधिनियम, नियम व कोर्ट के आदेश से घाट से 100 मीटर के क्षेत्र में फोटोग्राफी प्रतिबंधित की गई है। आदेशों का उल्लंघन करते हुए अखबारों में स्नान करती महिलाओं के फोटो छापे जा रहे हैं।
 
इलेक्ट्रॉनिक मीडिया भी इसे दिखा रही है। कोर्ट ने कुंभ मेलाधिकारी को निर्देश दिया है कि वे मीडिया को इस आदेश की जानकारी देकर अनुपालन सुनिश्चित कराएं। सुनवाई 5 अप्रैल को नियत करते हुए मेलाधिकारी से याचिका पर जवाब मांगा है। यह आदेश न्यायमूर्ति पीकेएस बघेल तथा न्यायमूर्ति पंकज भाटिया की खंडपीठ ने वकील असीम कुमार राय की याचिका पर दिया है।
 
कोर्ट ने कहा कि समाचार पत्र घाट पर स्नान करती युवती की फोटो छाप रहे हैं और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया चित्र दिखा रहे हैं। कोर्ट ने अखबार को याचिका का हिस्सा बना लिया है और मेला प्राधिकरण के अधिवक्ता कार्तिकेय शरण से कहा है कि वह कोर्ट के आदेश की सूचना मेलाधिकारी को फोन से देकर अनुपालन कराने को कहें। इससे पहले भी हाईकोर्ट ने स्नान घाट से 100 मीटर एरिया में फोटो खींचने पर रोक लगाई है। उप्र मेला प्राधिकरण अधिनियम में भी घाट पर फोटोग्राफी लेने पर प्रतिबंध लगाया गया है। (एजेंसियां)

सम्बंधित जानकारी

Show comments

क्या कर्मों का फल इसी जन्म में मिलता है या अगले जन्म में?

वैशाख अमावस्या का पौराणिक महत्व क्या है?

शनि अपनी मूल त्रिकोण राशि में होंगे वक्री, इन राशियों की चमक जाएगी किस्मत

Akshaya Tritiya 2024: अक्षय तृतीया से शुरू होंगे इन 4 राशियों के शुभ दिन, चमक जाएगा भाग्य

Lok Sabha Elections 2024: चुनाव में वोट देकर सुधारें अपने ग्रह नक्षत्रों को, जानें मतदान देने का तरीका

धरती पर कब आएगा सौर तूफान, हो सकते हैं 10 बड़े भयानक नुकसान

घर के पूजा घर में सुबह और शाम को कितने बजे तक दीया जलाना चाहिए?

Astrology : एक पर एक पैर चढ़ा कर बैठना चाहिए या नहीं?

100 साल के बाद शश और गजकेसरी योग, 3 राशियों के लिए राजयोग की शुरुआत

Varuthini ekadashi 2024: वरुथिनी व्रत का क्या होता है अर्थ और क्या है महत्व

अगला लेख