महाकुंभ में नागा साधु क्यों निकालते हैं शाही बारात, शिव और पार्वती के विवाह से क्या है इसका संबंध

WD Feature Desk
शुक्रवार, 10 जनवरी 2025 (17:21 IST)
Interesting facts about naga sadhu: महाकुंभ भारत का सबसे बड़ा धार्मिक मेला है। इस मेले में लाखों श्रद्धालु भाग लेते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि महाकुंभ में नागा साधुओं की शाही बारात का विशेष महत्व क्यों है? असल में महाकुंभ में नागा साधुओं की शाही बारात का उल्लेख पुराणों में भी मिलता है। पुराणों में इस शाही बारात का संबंध महादेव और समुद्र मंथन के साथ जुड़ा हुआ है। वेबदुनिया हिंदी में आई आज आपको बताते हैं इस बारात के पीछे की पौराणिक कथा।

शाही बारात का इतिहास
पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान शिव जब माता पार्वती से विवाह करने के लिए कैलाश से आए थे, तब उनकी बारात बहुत भव्य थी। इस बारात में देवी-देवता, गंधर्व, यक्ष, यक्षिणी, साधु-संत, तांत्रिक सभी शामिल थे।
जब भगवान शिव कैलाश लौटे तो नागा साधुओं ने शिव बारात का हिस्सा न बन पाने का दुख व्यक्त किया। भगवान शिव ने उन्हें वचन दिया कि उन्हें भी शाही बारात निकालने का मौका मिलेगा।
इसी वचन के अनुसार, समुद्र मंथन के बाद जब पहला महाकुंभ हुआ, तब नागा साधुओं ने भगवान शिव की प्रेरणा से शाही बारात निकाली।

महाकुंभ में शाही बारात का महत्व
·         भगवान शिव का आशीर्वाद: ऐसा माना जाता है कि महाकुंभ में नागा साधुओं की शाही बारात देखने से भगवान शिव का आशीर्वाद मिलता है।
·         धार्मिक महत्व: यह परंपरा हिंदू धर्म की एक प्राचीन परंपरा है और इसका धार्मिक महत्व है।
·         सांस्कृतिक विरासत: यह परंपरा हमारी सांस्कृतिक विरासत का एक अहम हिस्सा है।
·         आध्यात्मिक अनुभव: नागा साधुओं की शाही बारात देखना एक आध्यात्मिक अनुभव होता है।

ALSO READ: संगम तट पर क्यों लेटे हैं बजरंगबली, प्रयागराज का वो चमत्कारी मंदिर जिसे नहीं तोड़ पाए थे मुगल भी
शाही बारात की विशेषताएं
·         भव्य श्रृंगार: नागा साधु भस्म, रुद्राक्ष और फूलों से भव्य श्रृंगार करते हैं।
·         धार्मिक गीत: बारात में धार्मिक गीत गाए जाते हैं।
·         धार्मिक अनुष्ठान: बारात के दौरान कई धार्मिक अनुष्ठान किए जाते हैं।

महाकुंभ में नागा साधुओं की शाही बारात एक ऐसी परंपरा है जो सदियों से चली आ रही है। यह परंपरा न केवल धार्मिक महत्व रखती है बल्कि यह हमारी सांस्कृतिक विरासत का भी एक अहम हिस्सा है।

अस्वीकरण (Disclaimer) : सेहत, ब्यूटी केयर, आयुर्वेद, योग, धर्म, ज्योतिष, वास्तु, इतिहास, पुराण  आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार जनरुचि को ध्यान में रखते हुए सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं। इससे संबंधित सत्यता की पुष्टि वेबदुनिया नहीं है करता । किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

बुध का देवगुरु की राशि धनु में गोचर, जानिए किसे होगा सबसे ज्यादा फायदा

कुंभ मेले के बाद कहां चले जाते हैं नागा साधु? जानिए कैसी होती है नागा साधुओं की रहस्यमयी दुनिया

प्रयागराज कुंभ मेला 1965: इतिहास और विशेषताएं

prayagraj kumbh mela 2025: 16 नहीं 17 श्रृंगार करते हैं नागा साधु, जानिए लिस्ट

पोंगल में क्या क्या बनता है?

सभी देखें

नवीनतम

महाकुंभ 2025: चाबी वाले बाबा और 32 साल से स्नान न करने वाले महाराज बने कुंभ का आकर्षण

योगी आदित्यनाथ ने की कला कुंभ की शुरुआत, बताया कुंभ के विकास का प्रामाणिक दस्तावेज

महाकुंभ में कल्पवास करेंगी स्टीव जॉब्स की पत्नी लॉरेंन, जानिए क्या है इस कठिन तपस्या के नियम?

महांकुभ से पहले योगी सरकार का बड़ा तोहफा, प्रयागराज में मिलेगा मात्र 9 रुपए में खाना

कुंभ में योगी आदित्यनाथ को याद आया बचपन, आकाशवाणी पर सुनते थे रामचरितमानस