कौन हैं Mahakumbh 2025 की Bullet Rani, 50 बाइकर्स के साथ तय की 2,000 KM की दूरी, महाकुंभ में विराजित करेंगी 9 टन वजनी शिवलिंग

राम जानकी मंदिर की पीठाधीश्वर मां राजलक्ष्मी मंडा का सनातन संदेश

वेबदुनिया न्यूज डेस्क
गुरुवार, 9 जनवरी 2025 (18:09 IST)
bullet woman raj laxmi manda in Mahakumbh 2025 : महाकुंभ में अनेक रंग देखने को मिल रहे हैं। ऐसा ही एक रंग देखने को मिला बुलोट रानी का। मेले में अधिक से अधिक संख्या में श्रद्धालुओं को आने का आह्वान करने के लिए कटेबना स्थित राम जानकी मंदिर की पीठाधीश्वर मां राजलक्ष्मी मंडा गुरुवार को ‘बुलेट’ मोटरसाइकिल से 35 जिलों की यात्रा पर निकलीं। इस अवसर पर मां राजलक्ष्मी मंडा ने बताया कि हमने अपने कुछ भक्तों को साथ लेकर आम जनमानस में आध्यात्मिक ऊर्जा और धार्मिक चेतना जाग्रत करने के उद्देश्य से यह यात्रा निकाली है जिसे “आओ कुंभ नहाओ यात्रा” का नाम दिया गया है।”
ALSO READ: महाकुंभ से पहले केजरीवाल ने खेला सनातन कार्ड, बढ़ाई भाजपा की मुश्किल
उन्होंने बताया यह सनातन धर्म यात्रा 9 जनवरी से आरंभ होकर 2,000 किलोमीटर की दूरी तय कर करते हुए और 35 जिलों से गुज़रते हुए 20 जनवरी को शंकरगढ़ के रास्ते प्रयागराज के त्रिवेणी संगम पर संपन्न होगी।
 
‘बुलेट रानी’ के नाम से प्रसिद्ध मां राजलक्ष्मी मंडा के साथ कुल 50 मोटरसाइकिल सवार भी यात्रा में साथ रहेंगे। इससे पूर्व, तमिलनाडु की राजलक्ष्मी मंडा, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के पक्ष में मतदान के लिए बुलेट से 21,000 किलोमीटर की यात्रा कर चुकी हैं।
 
9 टन वजनी शिवलिंग : 180 फुट ऊंचे और 144 फुट गोलकार शिवलिंग आकार के इस विशाल मंदिर में नौ फुट ऊंची और नौ टन वज़नी शिवलिंग की स्थापना की जाएगी। मां राजलक्ष्मी मंडा ने बताया कि वह 2,000 किलोमीटर की ‘आओ कुम्भ नहाओ यात्रा’ के दौरान गाज़ीपुर, गोरखपुर, लखनऊ, शाहजहांपुर, इटावा, मुरादाबाद, दिल्ली, मथुरा, अयोध्या, कानपुर और चित्रकूट में कुल 11 जिलों में रात्रि विश्राम करेंगी। इनपुट भाषा    Edited by : Sudhir Sharma

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

वर्ष का सबसे लंबा दिन 21 जून को, जानें कारण और महत्व

26 जून से प्रारंभ होगी गुप्त नवरात्रि, जानें घट स्थापना के मुहूर्त, कैसे करें देवी आराधना और लग्नानुसार फल

पंचांग में पहले से ही लिखी थी प्लेन क्रैश की भविष्यवाणी, वायरल पंचांग में और क्या लिखा है?

योगिनी एकादशी का व्रत कब रखा जाएगा, क्या है इसका महत्व?

पुरी में क्यों होती है भगवान जगन्नाथ की अधूरी मूर्ति की पूजा, जानिए ये गूढ़ रहस्य

सभी देखें

नवीनतम

दुनिया जानेगी प्रयागराज महाकुंभ की रणनीति, 19 मार्च को होगा शिखर सम्मेलन

महाकुंभ में स्नान के लिए उपयुक्त था गंगा जल, सरकार ने लोकसभा में कहा

प्रयागराज महाकुंभ में यह नाविक परिवार बना महानायक, 130 नावों के जरिए कमाए 30 करोड़ रुपए

कुंभ से वापसी पर क्या है लोगों की बीमारी का कारण? जानिए उपचार के तरीके

महाकुंभ के समापन के बाद पुलिस व प्रशासन के अधिकारियों ने किया संगम स्नान