महाशिवरात्रि पर महाकुंभ का अंतिम स्नान, 60 लाख से अधिक लोगों ने लगाई डुबकी

महाशिवरात्रि स्नान के साथ ही समाप्त हो जाएगा महाकुंभ मेला, 45 दिन में 65 करोड़ से ज्यदा लोगों ने किया कुंभ स्नान

वेबदुनिया न्यूज डेस्क
बुधवार, 26 फ़रवरी 2025 (09:41 IST)
Mahashivratri Mahakumbh news : महाकुंभ का अंतिम स्नान पर्व बुधवार को हर हर महादेव के घोष के साथ प्रारंभ हो गया। बुधवार तड़के से ही श्रद्धालुओं का गंगा और संगम में डुबकी लगाना जारी है। इस बीच, सरकार ने श्रद्धालुओं पर हेलीकॉप्टर से पुष्पवर्षा की। ALSO READ: Mahakumbh 2025 : प्रयागराज महाकुंभ की अविस्मरणीय यात्रा, आस्था के ज्वार की आंखों देखी
 
अधिकारियों ने बताया कि सुबह आठ बजे तक 60 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने गंगा और संगम में डुबकी लगाई। इस तरह से महाकुंभ में अब तक 65.37 करोड़ से अधिक श्रद्धालु गंगा और संगम में डुबकी लगा चुके हैं और शाम तक यह आंकड़ा 66 करोड़ को पार करने की संभावना है। महाकुंभ मेले में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए मेला और जिला प्रशासन ने महाशिवरात्रि की पूर्व संध्या पर ही जिले और मेला क्षेत्र में नो व्हीकल जोन घोषित कर दिया।
 
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाशिवरात्रि पर लोगों को बधाई देते हुए सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, महाकुंभ 2025, प्रयागराज में भगवान भोलेनाथ की उपासना को समर्पित महाशिवरात्रि के पावन स्नान पर्व पर आज त्रिवेणी संगम में आस्था की डुबकी लगाने के लिए पधारे सभी पूज्य साधु संतों एवं श्रद्धालुओं का हार्दिक अभिनंदन। उन्होंने कहा कि त्रिभुवनपति भगवान शिव और पुण्य सलिला मां गंगा सभी का कल्याण करें, यही प्रार्थना है। हर हर महादेव।
 
 
सरकारी बयान के मुताबिक, इससे पूर्व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बसंत पंचमी और माघ पूर्णिमा अमृत स्नान के अवसर पर भी प्रातः से वॉर रूम में अधिकारियों के साथ बैठक की थी और स्थिति पर नजर रखी थी।
 
कैसी है प्रशासन की तैयारी : महाकुंभ के अंतिम महास्नान पर प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं। महाकुंभ मेला क्षेत्र में 37 हजार पुलिस कर्मी और 14 हजार होमगार्ड तैनात किए गए हैं। श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए 2750 एआई सीसीटीवी, 3 जल पुलिस स्टेशन, 18 जल पुलिस नियंत्रण कक्ष और 50 वॉच टॉवर बनाए गए हैं।
 
45 दिन तक चला महाकुंभ : प्रत्येक 12 वर्ष में आयोजित होने वाले महाकुंभ में पहला स्नान पर्व 13 जनवरी को शुरू हुआ और महाशिवरात्रि पर ब्रह्म मुहूर्त से ही देश के कोने कोने से श्रद्धालु महाकुंभ में डुबकी लगाने पहुंच रहे हैं।
 
हिंदू पौराणिक कथाओं के मुताबिक, समुद्र मंथन में भगवान शिव ने एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, जिससे समुद्र मंथन से अमृत कलश निकला और इसकी बूंदें जहां जहां गिरी, वहां वहां कुंभ मेले का आयोजन होता है।
 
महाकुंभ मेले के छह स्नान पर्वों में तीन स्नान पर्व अमृत स्नान के थे और ये 14 जनवरी को मकर संक्रांति, 29 जनवरी को मौनी अमावस्या और तीन फरवरी को बसंत पंचमी पर संपन्न हुए तथा सभी 13 अखाड़े अमृत स्नान करके मेले से विदा हो चुके हैं।
edited by : Nrapendra Gupta 

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