राखी की यह पौराणिक कथा आपने नहीं सुनी होगी

Webdunia
पौराणिक कथा है कि एक बार देव व दानवों में जब युद्ध शुरू हुआ तब दानव हावी होते नजर आने लगे। भगवान इंद्र घबराकर गुरु बृहस्पति के पास गए और अपनी व्यथा सुनाने लगे। इंद्र की पत्नी इंद्राणी यह सब सुन रही थी। उन्होने एक रेशम का धागा मंत्रों की शक्ति से पवित्र कर अपने पति की कलाई पर बांध दिया। वह श्रावण पूर्णिमा का दिन था।

ALSO READ: भद्रा उत्पत्ति की रोचक पौराणिक कथा, अवश्य पढ़ें...
 
प्रसन्नता और विजय इंद्र को इस युद्ध में विजय प्राप्त हुई। तभी से विश्वास है कि इंद्र को विजय इस रेशमी धागा पहनने से मिली थी। उसी दिन से श्रावण पूर्णिमा के दिन यह धागा बांधने की प्रथा चली आ रही है। यह धागा ऐश्वर्य, धन, शक्ति, प्रसन्नता और विजय देने में पूरी तरह सक्षम माना जाता है।
 
विधि-विधान पूर्णिमा के दिन प्रातः काल हनुमान जी व पित्तरों को स्मरण व चरण स्पर्श कर जल, रोली, मौली, धूप, फूल, चावल, प्रसाद, नारियल, राखी, दक्षिणा आदि चढ़ाकर दीपक जलाना चाहिए। भोजन के पहले घर के सब पुरुष व स्त्रियां राखी बांधे। बहनें अपने भाई को राखी बांधकर तिलक करें व गोला नारियल दें। भाई बहन को प्रसन्न करने के लिए रुपये अथवा यथाशक्ति उपहार दें। राखी में रक्षा सूत्र अवश्य बांधें।

ALSO READ: कैसे शुरू हुई शुभ कावड़ यात्रा, कौन थे पहले कावड़िया?
Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

Weekly Horoscope: 12 राशियों के लिए कैसा रहेगा सप्ताह, पढ़ें साप्ताहिक राशिफल (18 से 24 नवंबर)

Mokshada ekadashi 2024: मोक्षदा एकादशी कब है, क्या है श्रीकृष्‍ण पूजा का शुभ मुहूर्त?

Shani Margi: शनि का कुंभ राशि में मार्गी भ्रमण, 3 राशियां हो जाएं सतर्क

विवाह पंचमी कब है? क्या है इस दिन का महत्व और कथा

उत्पन्ना एकादशी का व्रत कब रखा जाएगा?

सभी देखें

धर्म संसार

22 नवंबर 2024 : आपका जन्मदिन

22 नवंबर 2024, शुक्रवार के शुभ मुहूर्त

Prayagraj Mahakumbh : 485 डिजाइनर स्ट्रीट लाइटों से संवारा जा रहा महाकुंभ क्षेत्र

Kanya Rashi Varshik rashifal 2025 in hindi: कन्या राशि 2025 राशिफल: कैसा रहेगा नया साल, जानिए भविष्‍यफल और अचूक उपाय

विवाह में आ रही अड़चन, तो आज ही धारण करें ये शुभ रत्न, चट मंगनी पट ब्याह के बनेंगे योग

अगला लेख