प्रभु श्रीराम का वनवास

प्रभु श्रीराम का वन गमन मार्ग

Webdunia
ND

त्रेतायुग में भगवान श्रीराम से श्रेष्ठ कोई देवता नहीं, उनसे उत्तम कोई व्रत नहीं, कोई श्रेष्ठ योग नहीं, कोई उत्कृष्ट अनुष्ठान नहीं। उनके महान चरित्र की उच्च वृत्तियां जनमानस को शांति और आनंद उपलब्ध कराती हैं।

संपूर्ण भारतीय समाज के जरिए एक समान आदर्श के रूप में भगवान श्रीराम को उत्तर से लेकर दक्षिण तक संपूर्ण जनमानस ने स्वीकार किया है। उनका तेजस्वी एवं पराक्रमी स्वरूप भारत की एकता का प्रत्यक्ष चित्र उपस्थित करता है।

आदिकवि कहते हैं कि प्रभु श्रीराम का गांभीर्य उदधि के समान और धैर्य में हिमालय के समान हैं। राम के चरित्र में पग-पग पर मर्यादा, त्याग, प्रेम और लोक व्यवहार के दर्शन होते हैं। राम ने साक्षात परमात्मा होकर भी मानव जाति को मानवता का संदेश दिया।

भगवान श्रीराम का ननिहाल छत्तीसगढ़ में रहा है। त्रेतायुग में अपने चौदह वर्ष के वनवास के दौरान प्रभु राम लगभग दस वर्ष तक छत्तीसगढ़ के दंडक वन में रहे थे। माना जाता है कि उनका वन गमन मार्ग दक्षिण बस्तर दंतेवाड़ा जिले के कोंटा (इंजरम) होते हुए दक्षिण भारत की ओर निकलता है।

भगवान श्रीराम अपने वन गमन के दौरान दंडक वन से शरभंग ऋषि के आश्रम व सुतीक्ष्ण ऋषि के आश्रम होते हुए अगस्त्य ऋषि से भेंट कर गंगा नदी से सोनभद्र नदी के तट पर पहुंचे। वहां से वर्तमान मध्यप्रदेश के सीधी जिले में बनास नदी से मवाई नदी होते हुए कोरिया जिले में उनका प्रवेश हुआ।

इसके बाद वे मवाई नदी से रापा नदी, गोपद नदी, नेऊर नदी होकर ग्राम सोनहत आए। वहां से हसदेव नदी, रेण नदी, महान नदी, मैनी नदी, मांड नदी व महानदी होते हुए शिवरीनारायण, सिरपुर, आरंग, राजिम होकर सिहावा क्षेत्र के महानदी के उद्गम स्थल पहुंचे।

वहां तक पहुंचने के बाद प्रभु श्रीराम सीतानदी, कोतरी नदी, दूध नदी, इंद्रावती नदी, शंखनी-डंकनी नदी होकर कांगेर नदी से तीरथगढ़ व कोटमसर होते हुए शबरी नदी को पार कर गोदावरी तट से भद्राचलम के रास्ते दक्षिण की ओर गए। भगवान राम ने वनवास का अधिकांश समय राजिम व सिहावा में गुजारा था।

ऐसे भगवान राम का पवित्र चरित्र लोकतंत्र का प्रहरी, उत्प्रेरक और निर्माता भी है। इसीलिए तो भगवान राम के आदर्शों का जनमानस पर इतना गहरा प्रभाव है और युगों-युगों तक रहेगा।

Show comments

Bhagwat katha benefits: भागवत कथा सुनने से मिलते हैं 10 लाभ

Vaishakha amavasya : वैशाख अमावस्या पर स्नान और पूजा के शुभ मुहूर्त

Dhan yog in Kundali : धन योग क्या है, करोड़पति से कम नहीं होता जातक, किस्मत देती है हर जगह साथ

Akshaya tritiya 2024 : 23 साल बाद अक्षय तृतीया पर इस बार क्यों नहीं होंगे विवाह?

Varuthini ekadashi: वरुथिनी एकादशी का व्रत तोड़ने का समय क्या है?

Guru asta 2024 : गुरु हो रहा है अस्त, 4 राशियों के पर्स में नहीं रहेगा पैसा, कर्ज की आ सकती है नौबत

Nautapa 2024 date: कब से लगने वाला है नौतपा, बारिश अच्‍छी होगी या नहीं?

Akshaya tritiya 2024: अक्षय तृतीया की पौराणिक कथा

कालाष्टमी 2024: कैसे करें वैशाख अष्टमी पर कालभैरव का पूजन, जानें विधि और शुभ समय

Aaj Ka Rashifal: राशिफल 01 मई: 12 राशियों के लिए क्या लेकर आया है माह का पहला दिन