10th day of Ramadan 2020 : रहमत और बरकत दोनों दे‍ता है दसवां रोजा

Webdunia
प्रस्तुति : अज़हर हाशमी
 
रमजान माह के तीस रोजे दरअसल तीन अक्षरों (कालखंड) पर मुश्तमिल (आधारित) हैं। शुरुआती दस दिनों यानी रोजों का अशरा 'रहमत' का (कृपा का) बीच के दस रोजों का अशरा 'मग़फ़िरत' (मोक्ष) का और आख़िरी दस रोजों का अशरा दोज़ख़ (नर्क) से 'निजात' (छुटकारे) का है। रहमत का अशरा अल्लाह की सना (स्तुति) करते हुए रोजेदार के लिए उसकी (अल्लाह की) मेहरबानी मांगने का है। 
 
क़ुरआने-पाक की सूरह अन्नास्र की तीसरी आयत में ज़िक्र आया है ...'तो अपने रब की सना (स्तुति) करते हुए उसकी पाकी (पवित्रता) बयान करो और उससे बख़्शिश चाहो।'
 
दरअसल शुरुआती दस रोजे यानी पहला अशरा, अल्लाह से रहमत हासिल करने का दौर है। दसवां रोजों अल्लाह की रहमत की रवानी और मेहरबानी के मील के पत्थर की मानिन्द है। हदीस (पैगंबर की अमली ज़िंदगी के दृष्टांत) की रोशनी में देखें तो तिर्मिज़ी-शरीफ़ (हदीस)में मोहम्मद सल्ल. ने फर्माया,
 
लोगों! तुम अल्लाह से फजल तलब किया करो। अल्लाह तआला सवाल करने वालों को बहुत पसंद करता है।' 
 
इस हदीस के पसे-मंज़र यह बात शुरुआती अशरे में अल्लाह से रहमत के लिए जब रोजेदार दुआ करता है तो दुआ कबूल होती है और रहमत बरसती है। क्योंकि हज़रत मोहम्मद सल्ल. की यह भी हदीस है कि 'दुआ दरअसल इबादत का मग़ज़ है।' कुल मिलाकर यह कि 'रोजा' रहमत का शामियाना और बरकत का आशियाना है।

ALSO READ: 9th Day of Ramadan 2020 : दोस्ती का दस्तावेज है नौवां रोजा, जकात का है खास महत्व

सम्बंधित जानकारी

Show comments

श्री बदरीनाथ अष्टकम स्तोत्र सर्वकार्य सिद्धि हेतु पढ़ें | Shri Badrinath Ashtakam

तिरुपति बालाजी मंदिर जा रहे हैं तो जानिए 5 खास बातें

Apara ekadashi 2024: अपरा एकादशी कब है, जानें पूजा का शुभ मुहूर्त और महत्व

Neem Puja vidhi: कैसे करें नीम के पेड़ की पूजा कि होगा मंगल दोष दूर

lakshmi puja for wealth : लक्ष्मी पूजा का है ये सही तरीका, तभी माता होंगी प्रसन्न

25 मई 2024, शनिवार के शुभ मुहूर्त

Surya Gochar: 25 मई को सूर्य के नक्षत्र परिवर्तन से इन 4 राशियों का चमकेगा सितारा बुलंदी पर

Nautapa 2024 date: 25 मई नौतपा शुरू, जानें क्या रखना हैं सावधानी

Maa lakshmi : मिश्री का यह उपाय कर लिया तो माता लक्ष्मी की कृपा से मिलेगा अपार धन

Mandir puja samay : मंदिर में यदि इस समय की पूजा तो नहीं मिलेगा फल

अगला लेख