रमजान माह में रोजे क्यों रखे जाते हैं, इस्लाम धर्म में क्या है इसका महत्व, जानें 8 खास बातें

WD Feature Desk
सोमवार, 17 मार्च 2025 (15:55 IST)
8 special things about Ramadan: रमजान का महीना मुसलमानों के लिए बहुत ही पवित्र और महत्वपूर्ण होता है। इस महीने में रोजे रखने से व्यक्ति को अल्लाह का आशीर्वाद प्राप्त होता है और उसका जीवन सार्थक बनता है। रमजान माह में रोजे रखने के पीछे कई बातें और मुख्य कारण हैं, जिनका इस्लाम धर्म में विशेष महत्व है। इनमें से कुछ खास बातें इस प्रकार हैं :ALSO READ: हर सजदा, हर दुआ, हर नेकी रमजान में तुम्हें और करीब लाएगी उस रब के,...कुछ इस तरह अपनों को दें रमजान की मुबारकबाद
 
1. अल्लाह की आज्ञा का पालन:
रोजा रखना इस्लाम के पांच स्तंभों में से एक है। यह अल्लाह की आज्ञा का पालन करने और उनके प्रति अपनी भक्ति और समर्पण दिखाने का एक तरीका है। कुरान में रोजे रखने का स्पष्ट आदेश दिया गया है, और हर मुसलमान के लिए इसे फर्ज (अनिवार्य) माना गया है।
 
2. आत्म-अनुशासन और संयम:
रोजा रखने से व्यक्ति में आत्म-अनुशासन और संयम पैदा होता है। रोजे के दौरान व्यक्ति को खाने-पीने के अलावा कई अन्य चीजों से भी दूर रहना होता है, जैसे कि झूठ बोलना, गाली देना, और किसी को ठेस पहुंचाना। इससे व्यक्ति में धैर्य, सहनशीलता और आत्म-नियंत्रण जैसे गुण विकसित होते हैं।
 
3. गरीबों और जरूरतमंदों के प्रति सहानुभूति:
रोजा रखने से व्यक्ति को भूख और प्यास का एहसास होता है, जिससे उसे गरीबों और जरूरतमंदों की तकलीफों का अनुभव होता है। इससे व्यक्ति में उनके प्रति सहानुभूति और करुणा पैदा होती है, और वह उनकी मदद करने के लिए प्रेरित होता है।ALSO READ: रमजान माह की परंपराएं जानें?
 
4. पापों से मुक्ति:
रोजा रखने को पापों से मुक्ति का एक जरिया भी माना जाता है। मान्यता है कि रमजान माह में रोजे रखने से व्यक्ति के पिछले पाप माफ हो जाते हैं और उसे नई शुरुआत करने का अवसर मिलता है।
 
5. आध्यात्मिक विकास:
रोजा रखने से व्यक्ति का आध्यात्मिक विकास होता है। रोजे के दौरान व्यक्ति अल्लाह की इबादत में अधिक ध्यान केंद्रित करता है और अपने मन को सांसारिक चीजों से दूर रखता है। इससे व्यक्ति को मानसिक शांति और संतुष्टि का अनुभव होता है।
 
6. स्वास्थ्य लाभ:
रोजा रखने से व्यक्ति के स्वास्थ्य को भी कई लाभ होते हैं। यह पाचन तंत्र को आराम देता है, शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालता है, और रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है।
 
7. सामाजिक एकता:
रमजान माह में सभी मुस्लिम एक साथ रोजे रखते हैं और इफ्तार करते हैं, जिससे उनमें सामाजिक एकता और भाईचारे की भावना बढ़ती है।
 
8. कुरान का महीना:
रमजान माह को कुरान का महीना भी कहा जाता है, क्योंकि इसी महीने में कुरान नाजिल हुआ था। इस महीने में कुरान पढ़ना और समझना बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। इन सभी बातों से रमजान माह में रोजे रखे जाते हैं। 
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