श्रीराम और श्रीकृष्ण की युद्ध नीति में अंतर

अनिरुद्ध जोशी
भगवान राम की युद्ध नीति और कृष्‍ण की युद्ध नीति में बहुत अंतर है। परंतु दोनों को ही युद्ध में हनुमाजी का साथ मिला था। त्रैता युग के प्रभु श्रीराम और द्वापर युग के भगवान श्रीकृष्ण की युद्ध नीति में क्या क्या अंतर थे और क्यों थे आओ जानते हैं इस संबंध में संक्षिप्त में जानकारी।
 
भगवान राम और कृष्ण में हैं ये 10 अंतर, आप भी चौंक जाएंगे
 
1. श्री राम ने अपने सम्मान की लड़ाई लड़ी जबकि श्रीकृष्ण की लड़ाई अपने लिए नहीं बल्कि धर्म रक्षार्थ लड़ाई लड़ी थी। हालांकि लड़ाई तो दोनों ने धर्म की स्थापना के लिए ही लड़ी थी। क्योंकि रावण ने भी तो अधर्म ही किया था। 
 
2. भगवान राम ने रावण को मारने के लिए कई तरह की कठिनाइयों का सामना किया। सेना के गठन और समुद्र पार करने से लेकर महाशक्तिशाली रावण का वध करने तक कई घटनाक्रमों का सामना करना पड़ा, लेकिन श्रीकृष्ण के पास खुद की सेना थी जिसे उन्होंने कौरव पक्ष को दे दी थी और खुद पांडवों की ओर से लड़े थे। 
 
3. भगवान राम को रावण के की मायावी शक्तियों का सामना करना पड़ा लेकिन भगवान कृष्ण को छल करने वालों के साथ छल का ही सहारा लेना पड़ा, क्योंकि कौरवों की बात का कोई भरोसा नहीं था।
 
4. महाभारत के युद्ध में क्रूरता और छल ने हद पार कर दी थी परंतु राम और रावण के युद्ध में ऐसा कुछ नहीं हुआ क्योंकि राम के युग का रावण युद्ध के नियम जानता था और नैतिक था। वह मायावी जरूर था परंतु दुर्योधन या कौरवों की तरह अत्याचारी, छली या क्रूर नहीं था। रावण या रावण सेना के साथ श्रीराम को इसीलिए छल या क्रूरता का प्रयोग नहीं करना पड़ा।
 
5. श्रीराम ने युद्ध के सभी नियमों का पालन किया परंतु श्रीकृष्ण को मजबूर होकर युद्ध के नियमों के विरुद्ध जाना पड़ा था।
 
6. भगवान राम का जीवन मर्यादाओं को कभी तोड़ता नहीं हैं, जबकि कृष्ण समय आने पर इसका अनुसरण नहीं करते हैं। उनके लिए युद्ध में सभी कुछ जायज है। श्रीकृष्ण अपने लक्ष्य को साम, दाम, दंड और भेद सभी तरह से हासिल करने का प्रयास करते हैं लेकिन राम तो मर्यादा पुरुषोत्तम राम है। उन्होंने कभी भी अनीति का सहारा नहीं लिया।
 
7. श्रीराम ने राम-रावण युद्ध में रावण का वध किया था तो दशहरा मनाया जाता है परंतु श्रीकृष्‍ण ने महाभारत के युद्ध में किसी का भी वध नहीं किया था।
 
8. श्रीराम युद्ध लड़ने के लिए सैंकडों किलोमीटर चलकर लंका गए परंतु श्रीकृष्ण को नहीं दूर नहीं जाना पड़ा, कुरुक्षेत्र में वे रथ पर सवार होकर गए थे।

9. महाभारत का युद्ध राम की नीति से नहीं जीता जा सकता और कृष्‍ण की नीति से रावण से नहीं लड़ा जा सकता अन्यथा वहां खलनायक घोषित हो सकते हैं।
 
10. श्रीराम के काल और श्रीकृष्‍ण के काल के बीच लगभग हजारों साल का अंतर है। ऐसा में उस काल में युद्ध करने का तरीका भी भिन्न था और महाभारत काल में जब लोग ज्यादा अनैतिक और क्रूर हो गए तो श्रीराम को कृष्‍ण बनना पड़ा।

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

चैत्र नवरात्रि की सप्तमी, अष्टमी और नवमी तिथि का क्या है महत्व?

इस साल क्यों खास है राम नवमी? जानिए कैसे भगवान राम की कृपा से जीवन में आ सकती है समृद्धि

राम नवमी पर महातारा जयंती, जानिए माता की पूजा का मुहूर्त

श्रीराम राज्य महोत्सव: कहां तक थी राम राज्य की सीमा?

राम नवमी के दिन क्या करें और क्या नहीं, जान लीजिए नियम

सभी देखें

धर्म संसार

06 अप्रैल 2025 : आपका जन्मदिन

18 अप्रैल: गुड फ्राइडे पर जा रहे हैं चर्च, तो रखें इन बातों का विशेष ध्यान

06 अप्रैल 2025, रविवार के मुहूर्त

चैत्र नवरात्रि की नवमी पर कर लें ये खास उपाय, मातारानी होंगी प्रसन्न

अयोध्या से धनुषकोडी तक ये हैं श्रीराम के पौराणिक स्थानों पर स्थित 10 मंदिर

अगला लेख