भारत की प्रतिष्ठा संस्कृत और संस्कृति में ही

Webdunia
इंदौर। संस्कृतविद्‍ और शासकीय संस्कृत महाविद्यालय इंदौर के प्राचार्य डॉ. विनायक पांडे का मानना है कि भारत की प्रतिष्ठा संस्कृत और संस्कृति में ही है। यदि ये दोनों सुरक्षित हैं तो ही देश सुरक्षित रहेगा। 
उन्होंने कहा कि संस्कृत जीवन से जुड़ी भाषा है। यह जीवन के साथ ही मृत्यु के बाद भी काम आने वाली भाषा है। आज पूरे विश्व में संस्कृत भाषा पर काम हो रहा है। मंगल अभियान की सफलता के बाद नासा के वैज्ञानिकों ने भी स्वीकार किया है कि कंप्यूटर के माध्यम से यदि पूरी दुनिया में कोई संपर्क भाषा हो सकती है तो वह संस्कृत है। ऐसा कोई भी क्षेत्र नहीं है जहां संस्कृत नहीं है। संस्कृति और संस्कार की हम बिना संस्कृत के कल्पना भी नहीं कर सकते।
 
Show comments

5वें चरण में 57.40 फीसदी मतदान, बारामूला में टूटा वोटिंग का रिकॉर्ड, जानें कहां कितने प्रतिशत पड़े वोट

वाइस प्रेसिडेंट मुखबेर ईरान के अंतरिम राष्ट्रपति बने, भारत में 1 दिन का शोक

भीषण गर्मी में लोकसभा चुनाव के पांचवें चरण में सुस्त रही मतदान की रफ्तार, आदित्य ठाकरे ने निर्वाचन आयोग पर उठाए सवाल

AAP की मुश्किलें बढ़ीं, ED की चार्जशीट में खुलासा अमेरिका, ईरान, यूएई जैसे देशों से मिली करोड़ों की फंडिंग

दिग्विजय सिंह का दावा, I.N.D.I.A. गठबंधन को वैसा ही समर्थन मिल रहा, जैसा 1977 में...

क्या है भरतपुर रियासत के पूर्व राजपरिवार की लड़ाई, जो कोर्ट की दहलीज तक आई?

Pune Accident को लेकर राहुल गांधी का PM मोदी पर तंज, न्याय भी दौलत का मोहताज है

मातृशक्ति वंदन में नमो-नमो की गूंज, मोदी सरकार महिलाओं को बना रही है सशक्त

Kerala में भारी बारिश की चेतावनी, 8 जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी

Fresh COVID wave : लोकसभा चुनावों के बीच Coronavirus को लेकर आई डरावनी खबर, KP.1, KP.2 वैरिएंट के मरीज मिलने से हड़कंप