पेंशन के लिए 40 वर्ष भटकी महिला, सरकार पर 50 हजार का जुर्माना

Webdunia
बुधवार, 4 मार्च 2020 (07:40 IST)
रांची। झारखंड उच्च न्यायालय ने पेंशन के लिए लगभग 40 वर्ष से भटक रही एक महिला के मामले में सरकार पर 50 हजार रुपए का जुर्माना लगाया तथा राज्य सरकार को महिला को 10 प्रतिशत ब्याज के साथ पेंशन देने का मंगलवार को आदेश दिया।
 
न्यायमूर्ति डॉ. एसएन पाठक की पीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए अपने आदेश में कहा कि पेंशन देना राज्य सरकार का काम है। सरकारी अधिकारियों के कारण ही इतने दिनों से पेंशन लंबित रही। पीठ ने सरकार को याचिकाकर्ता को 10 प्रतिशत ब्याज के साथ पेंशन देने का आदेश दिया है।
 
इस संबंध में महिला जसुमति पिंगुआ ने उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की थी। प्रार्थी के अधिवक्ता शादाब बिन हक ने पीठ को बताया कि प्रार्थी के आवेदन के बाद भी सरकार की ओर से उन्हें पेंशन नहीं दी गई।
 
अधिवक्ता ने उच्चतम न्यायालय के एसके मस्तान मामले में दिए गए आदेश का हवाला देते हुए कहा कि पेंशन का दावा देर से करने के कारण पेंशन नहीं देना नियम के खिलाफ है। अदालत ने माना कि दावा देर से करने पर किसी की पेंशन नहीं रोका जा सकती।
 
गौरतलब है कि याचिकाकर्ता जसुमति पिंगुआ के पति प. सिंहभूम जिले के ठक्कर बापा उच्च विद्यालय में शिक्षक थे। वर्ष 1976 में उनकी मृत्यु हो गई थी। उसके बाद उन्होंने पेंशन के लिए सरकार से गुहार लगाई। पेंशन नहीं मिलने पर उन्होंने उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की थी।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

भाजपा के धाकड़ नेता सड़क पर कर रहे थे सेक्‍स, नेताजी की धाकड़ी हो गई वायरल, जीतू पटवारी ने बताया कुकर्म

हम भूखे मर जाएंगे, पाकिस्तानी सांसद बोले- भारत के 'वॉटर बम' का मसला सुलझाओ

UP : 43 साल बाद जेल से रिहा हुए 103 वर्षीय लखन, जानिए क्‍या है मामला...

CM योगी आदित्यनाथ गरजे, बहुत जी लिया पाकिस्तान, अब उसका टाइम पूरा हुआ

Rajasthan : भाजपा विधायक कंवरलाल की विधानसभा सदस्यता निरस्त

सभी देखें

नवीनतम

विमानन मंत्री ने की Indigo विमान चालक दल की तारीफ, DGCA करेगा Plane घटना की पूरी जांच

26/11 से पहलगाम तक, UN में भारत ने खोली पाकिस्तान की पोल

डोनाल्ड ट्रंप को बड़ा झटका, कोर्ट ने हार्वर्ड में विदेशी छात्रों के नामांकन पर रोक संबंधी फैसले पर लगाई रोक

Weather Update : राजस्थान में भीषण गर्मी, जैसलमेर में 48 पहुंचा पारा, महाराष्ट्र में भारी बारिश का अलर्ट

सुप्रीम कोर्ट में किस तरह का बदलाव चाहते हैं जस्टिस ओका

अगला लेख