RG Kar hospital resignation : पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा चिकित्सकों से काम पर लौटने का अनुरोध किए जाने के बावजूद, कनिष्ठ चिकित्सकों ने दुर्गा पूजा उत्सव के बीच लगातार चौथे दिन मंगलवार को अपना आमरण अनशन जारी रखा। इस बीच आरजी कर अस्पताल में इस्तीफों की झड़ी लग गई। देखते ही देखते 50 सीनियर फैकलटी ने इस्तीफे दे दिए।
सामूहिक रूप से इस्तीफा देने का निर्णय मंगलवार सुबह सरकारी अस्पताल के विभिन्न विभागों के प्रमुखों की बैठक में लिया गया। हमारे अस्पताल के सभी 50 वरिष्ठ चिकित्सकों ने अपने त्यागपत्र पर हस्ताक्षर कर दिए हैं। यह उन युवा चिकित्सकों के प्रति हमारी एकजुटता को व्यक्त करने के लिए है, जो एक मुद्दे के लिए लड़ रहे हैं।
बताया जा रहा है कि एनआरएस मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के वरिष्ठ चिकित्सक भी आरजी कर अस्पताल के अपने सहकर्मियों का अनुसरण करने पर विचार कर रहे हैं।
आरजी कर अस्पताल में एक प्रशिक्षु चिकित्सक से बलात्कार एवं हत्या की घटना के विरोध में प्रदर्शन कर रहे कनिष्ठ चिकित्सकों के साथ एकजुटता दर्शाने के लिए करीब 15 वरिष्ठ चिकित्सकों ने प्रतीकात्मक अनशन किया।
वरिष्ठ चिकित्सकों ने मध्य कोलकाता के एस्प्लेनेड क्षेत्र में डोरीना क्रॉसिंग पर सुबह नौ बजे अनशन शुरू किया, जहां चिकित्सक शनिवार शाम से आमरण अनशन कर रहे हैं। दुर्गा पूजा उत्सव की शुरुआत हो चुकी है और मंगलवार को पंचमी है।
कोलकाता मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में डॉक्टर स्निग्धा हाजरा, डॉक्टर तनया पांजा और डॉक्टर अनुस्तुप मुखोपाध्याय, एसएसकेएम के अर्नब मुखोपाध्याय, एनआरएस मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के पुलस्थ आचार्य और केपीसी मेडिकल कॉलेज की सायंतनी घोष हाजरा शनिवार शाम से आमरण अनशन पर हैं और रविवार को आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के अनिकेत महतो भी उनके साथ शामिल हो गए।
कनिष्ठ चिकित्सकों से काम पर लौटने का अनुरोध करते हुए मुख्य सचिव मनोज पंत ने सोमवार को कहा था कि राज्य के मेडिकल कॉलेजों में जारी 90 प्रतिशत परियोजनाएं अगले महीने तक पूरी हो जाएंगी।
उन्होंने कहा कि मैं हर किसी से काम पर लौटने और लोगों की सेवा करने का अनुरोध करता हूं। कुछ लोग पहले से ही ऐसा कर रहे हैं। हम सभी माहौल को बेहतर बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं। वे (कनिष्ठ चिकित्सक) इस बात की सराहना करेंगे कि सरकार द्वारा किए गए वादों पर बहुत अच्छी प्रगति हुई है।