Actress Kutti Padmini: अभिनेत्री कुट्टी पद्मिनी ने शुक्रवार को कहा कि फिल्म उद्योग में यौन शोषण के खिलाफ कदमों को लेकर किए जा रहे वादों से कुछ हासिल नहीं होगा, जब तक कि इसको लेकर उचित कानून नहीं बनाए जाते।
पद्मिनी के अभिनय करियर की शुरुआत तब हुई थी जब वह महज तीन महीने की थीं। उन्होंने 'कुझांदैयम देइयमम (1965)' में अपने प्रदर्शन के लिए बाल कलाकार का राष्ट्रीय पुरस्कार जीता।
10 साल की उम्र में यौन शोषण : उन्होंने आरोप लगाया कि जब वह केवल 10 वर्ष की थीं, तो उन्हें यौन शोषण का सामना करना पड़ा। पद्मिनी ने कहा कि मैंने अपनी मां को इसके बारे में बताया और जब मेरी मां ने निर्माताओं से सवाल किया, तो हमें फिल्म से बाहर कर दिया गया। उन्होंने कहा कि इतने सालों बाद भी स्थिति वैसी ही है।
अभिनेता एवं एसआईएए के महासचिव विशाल द्वारा 10 सदस्यीय समिति के किए गए वादे के बारे में पूछे जाने पर पद्मिनी ने कहा कि मीटू लहर के बाद उनके द्वारा गठित समिति कहीं नहीं गई। (भाषा)