असम विधानसभा ऐतिहासिक फैसला लिया है। असम विधानसभा में बहुविवाह पर प्रतिबंध लगाने को लेकर विधेयक पारित कर दिया है। इस विधेयक का उद्देश्य राज्य में बहुविवाह (Polygamy) की प्रथा को प्रतिबंधित करना और इसे पूरी तरह समाप्त करना है। इस कानून के तहत अगर कोई ऐसा करता है तो उसे 7 साल की जेल हो सकती है।
साथ ही पीड़ित को 1.40 लाख रुपए मुआवजा देने का भी प्रावधान है। विधेयक को पास करने से पहले असम विधानसभा में इसे लेकर चर्चा भी हुई। राज्य के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि अगर मैं असम में दोबारा सत्ता में आता हूं तो पहले सत्र में हम असम में यूसीसी लाएंगे। बहुविवाह विरोधी अधिनियम असम में यूसीसी की ओर पहला कदम है।
क्या है बिल में
बिल में कहा गया है कि असम में किसी भी प्रकार की बहुविवाह या एक से अधिक विवाह करने की प्रचलित प्रथाओं पर रोक लगाई जाएगी। इससे जुड़े सभी मामलों को कानूनी रूप से अमान्य माना जाएगा। विधेयक उन विषयों को भी कवर करता है जो बहुविवाह निषेध से संबंधित और उससे जुड़े हुए हैं। यह कदम राज्य में समान नागरिक अधिकार सुनिश्चित करने और महिलाओं की सुरक्षा एवं सामाजिक न्याय को मजबूत करने की दिशा में सरकार के बड़े सामाजिक सुधार प्रयास का हिस्सा माना जा रहा है।
क्या कहा सरकार ने
असम सरकार का कहना है कि ऐसे मामलों में महिलाओं को अक्सर सबसे ज्यादा चोट पहुंचती है और यह कानून उनकी सुरक्षा और सम्मान सुनिश्चित करने के लिए तैयार किया गया है। इस बिल को राज्य में महिलाओं के अधिकारों को मजबूत करने, परिवार व्यवस्था को कानूनी रूप से सुरक्षित करने और सामाजिक सुधार लाने के लिए एक निर्णायक कदम बताया है। Edited by : Sudhir Sharma