Uttar Pradesh News : उत्तर प्रदेश के कानपुर स्थित गोविंदपुरी और भीमसेन स्टेशनों के बीच रविवार को रेल पटरियों पर सिलेंडर देखकर एक पैसेंजर ट्रेन के चालक (लोको-पायलट) ने आपातकालीन ब्रेक लगाकर रेलगाड़ी को रोक लिया। बाद में पता चला कि सिलेंडर रेलवे का ही अग्निशामक यंत्र था।
अपर पुलिस महानिदेशक (रेलवे) प्रकाश डी. ने बताया कि ट्रेन मुंबई से लखनऊ जा रही थी और रविवार तड़के चार बजे जैसे ही गोविंदपुरी स्टेशन के पास पहुंची तो चालक ने पटरियों पर सिलेंडर देखा और आपातकालीन ब्रेक लगाकर नियंत्रण कक्ष को तत्काल इसकी सूचना दी।
उन्होंने बताया कि रेल अधिकारियों ने रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) और राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) के साथ मिलकर जांच शुरू की और पाया कि इस कृत्य के पीछे कोई आपराधिक इरादा नहीं था। प्रकाश ने कहा कि जांच रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि इस मामले में किसी बाहरी या अन्य आपराधिक संलिप्तता सामने नहीं आई है।
उन्होंने बताया कि जांच रिपोर्ट में रेलवे अधिकारियों ने कहा कि अग्नि सुरक्षा सिलेंडर रेलवे की संपत्ति थी और इसे सेक्शन इंजीनियर (कैरिज एंड वैगन) गोरखपुर ने दिया था और यह किसी अन्य ट्रेन से दुर्घटनावश गिर गया होगा। अपर पुलिस महानिदेशक ने कहा कि इस मामले में कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई है।
8 सितंबर को मिला था गैस सिलेंडर : कानपुर में ही गत 8 सितंबर को प्रयागराज से भिवानी की ओर जा रही कालिंदी एक्सप्रेस को पटरी से उतारने की कोशिश में पटरी पर रसोई गैस का सिलेंडर रख दिया गया था। इससे एक सप्ताह पहले ही प्रेमपुर रेलवे स्टेशन के पास मालगाड़ी के लोको पायलट को भी ट्रैक पर खाली गैस सिलेंडर मिला था। दोनों ही घटनाओं की जांच की जा रही है।(भाषा)
Edited By : Chetan Gour