बारिश के कई दिन बाद भी बेंगलुरू में साई लेआउट जलमग्न, राहत कार्यों पर उठे सवाल

वेबदुनिया न्यूज डेस्क
बुधवार, 21 मई 2025 (13:12 IST)
Bengaluru rain : बेंगलुरु में बीती रात को बारिश नहीं होने के बावजूद उत्तरी बेंगलुरु में ‘साई लेआउट’ बुधवार को जलमग्न नजर आया। यह स्थिति क्षेत्र की संवेदनशीलता को रेखांकित करती है क्योंकि यह एक निचला आवासीय क्षेत्र है, जहां जल निकासी की समस्या बनी रहती है। ALSO READ: Heavy rain in bangalore : बेंगलुरु में भारी वर्षा से जनजीवन अस्त व्यस्त, IMD ने किया अलर्ट
 
रविवार देर रात से मंगलवार तक हुई 140 मिलीमीटर की हालिया बारिश के कारण पूरे शहर में बड़े पैमाने पर बाढ़ आ गई है। साई लेआउट के निवासी विशेष रूप से प्रभावित हुए हैं। भूतल और पहली मंजिल पर स्थित कई आवास अब भी पहुंच से बाहर बने हुए हैं और नगर निकाय के अधिकारी अभी भी बचाव एवं राहत कार्यों में लगे हैं।
 
वर्तमान में बृहत बेंगलुरु महानगर पालिका (BBMP) की एक टीम जल निकासी व्यवस्था को साफ करने और जमा पानी को बाहर निकालने के प्रयासों में जुटी है। हालांकि, कई निवासियों ने इन प्रयासों की धीमी गति को लेकर अपनी निराशा व्यक्त की है।
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Drain clearing operations were conducted in Sai Layout, #Mahadevapura zone, following heavy rainfall to facilitate proper drainage.

ಮಹದೇವಪುರ ವಲಯದ ಸಾಯಿ ಲೇಔಟ್ ನಲ್ಲಿ ಚರಂಡಿ ಬ್ಲಾಕ್ ತೆಗೆದು ನಿಂತ ನೀರು ಹರಿದು ಹೋಗುವಂತೆ ಮಾಡಲು ಕಾರ್ಯಪ್ರವೃತ್ತರಾದ ಬಿಬಿಎಂಪಿ ಸಿಬ್ಬಂದಿಗಳು.#BBMP #BBMPCarespic.twitter.com/8WFFhpVKQs

— Bruhat Bengaluru Mahanagara Palike (@BBMPofficial) May 20, 2025 >
क्षेत्र में रहने वाले एक आईटी पेशेवर सूर्या ने अपनी परेशानी व्यक्त करते हुए कहा कि पिछले 3 दिनों से बहुत परेशान हैं। बारिश की एक ही घटना ने पानी के स्तर में लगभग पांच फुट की वृद्धि की, जिससे हमारा पूरा घर जलमग्न हो गया। हमारी पहुंच पीने योग्य पानी तक भी नहीं है क्योंकि पानी जमा करने की हौदी दूषित हो गई है। उन्होंने बताया कि ‘साई लेआउट’ में बाढ़ की समस्या हर बारिश के साथ फिर से आ जाती है।
 
एक अन्य निवासी ने कहा कि तीन दिन से बिजली नहीं होने के कारण हममें से जो लोग घर से काम करने में सक्षम हैं, वे भी ऐसा करने में असमर्थ हो गए हैं।
 
शिरडी साईबाबा मंदिर को भी बाढ़ के कारण काफी क्षति हुई है, जिसके नाम पर इलाके का नाम ‘साई लेआउट’ रखा गया है। मंदिर के अध्यक्ष दयानंद ने बताया कि पूरा मंदिर क्षतिग्रस्त हो गया है और दस्तावेज बह गए हैं। जनरेटर, जिस पर मैंने 6.5 लाख रुपये खर्च किए थे, अब ठीक नहीं हो सकता। अपर्याप्त योजना के कारण हेब्बल का सारा पानी अब यहां आ रहा है। 20 साल पहले यह इलाका सिर्फ जंगल था। मैंने बड़े विश्वास के साथ इस जगह को बसाया था और अब यहां के निवासी यहां से जाना चाहते हैं।
 
मुख्यमंत्री सिद्धरमैया और उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार आज ‘साई लेआउट’ का दौरा और पूरे बेंगलुरु में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का आकलन करने वाले हैं। निवासियों को उम्मीद है कि मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के दौरे से उनकी मौजूदा कठिनाइयों का स्थायी समाधान निकलेगा। (भाषा)
edited by : Nrapendra Gupta 
photo courtesy : BBMP X account 

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