नई दिल्ली। एकीकृत दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) ने राष्ट्रीय राजधानी में 25 लाख रुपए से अधिक की संपत्ति की खरीद पर हस्तांतरण शुल्क एक प्रतिशत बढ़ाने का फैसला किया है, जिससे राजधानी में संपत्तियां खरीदना महंगा हो जाएगा। आधिकारिक सूत्रों ने बुधवार को यह जानकारी दी।
अधिकारियों ने बताया कि इस बढ़ोतरी के बाद पुरुषों के लिए हस्तांतरण शुल्क चार प्रतिशत और महिलाओं के वास्ते तीन प्रतिशत हो जाएगा। इस कदम का मकसद निगम की आर्थिक स्थिति को सुधारना है, जो पिछले कुछ सालों में खासकर कोविड-19 महामारी के कारण बुरी तरह से बिगड़ी है। आलम यह है कि निगम को अपने कर्मचारियों को तनख्वाह देना भी मुश्किल हो रहा है।
यह पिछले महीने दिल्ली की तीनों (उत्तरी, पूर्वी और दक्षिणी) निगमों को एक करने के बाद से पहला बड़ा फैसला है। मंगलवार को हुई एक बैठक में यह फैसला किया गया, जिसमें हस्तांतरण शुल्क में एक प्रतिशत की बढ़ोतरी करने का प्रस्ताव पेश किया गया था।
प्रस्ताव दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के विशेष अधिकारी द्वारा पारित किया गया था, जिन्हें नया सदन चुने जाने तक निगम को चलाने का अधिकार दिया गया है। आधिकारिक सूत्रों ने कहा, स्थाई समिति के तौर पर विशेष अधिकारी के समक्ष 25 लाख रुपए से अधिक मूल्य की संपत्तियों पर हस्तांतरण शुल्क में एक प्रतिशत की वृद्धि करने का प्रस्ताव रखा गया था।
प्रस्ताव को एसओ (विशेष अधिकारी) ने मंजूरी दे दी। बढ़ोतरी के बाद पुरुषों के लिए हस्तांतरण शुल्क चार प्रतिशत और महिलाओं के वास्ते तीन प्रतिशत हो जाएगा। वर्तमान में राष्ट्रीय राजधानी में संपत्ति की बिक्री और खरीद पर हस्तांतरण शुल्क पुरुषों के लिए तीन प्रतिशत और महिलाओं के लिए दो प्रतिशत है।
अधिकारियों ने कहा, इस कदम से राजस्व में वृद्धि होगी और एमसीडी के खजाने को मजबूती मिलेगी, जिसका उपयोग वित्तीय चुनौतियों पर काबू पाने और लोगों को सर्वोत्तम सेवाएं प्रदान करने के लिए किया जाएगा।
अधिकारियों ने कहा कि हस्तांतरण शुल्क में बढ़ोतरी का असर केवल उन खरीदारों पर पड़ेगा जो 25 लाख रुपए से अधिक की पंजीकृत कीमत वाली संपत्ति खरीदेंगे।
संपत्तियों को उनके क्षेत्र के आधार पर आठ श्रेणियों ए, बी, सी, डी, ई, एफ, जी और एच में विभाजित किया गया है और दिल्ली सरकार संपत्तियों की बिक्री और खरीद पर स्टांप शुल्क एकत्र करती है। अधिकारियों ने कहा कि हस्तांतरण शुल्क, स्टांप शुल्क से अलग है।(भाषा)