छत्तीसगढ़ में विपक्ष का अविश्वास प्रस्ताव गिरा

Webdunia
रविवार, 26 जुलाई 2015 (13:11 IST)
रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा में शनिवार देर रात रमन सिंह मंत्रिमंडल ने एक बार फिर विश्वास मत हासिल कर लिया। मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस द्वारा लाया गया अविश्वास प्रस्ताव 13 मतों से गिर गया।
 
छत्तीसगढ़ विधानसभा में शनिवार दिनभर और रविवार तड़के लगभग 3 बजे तक अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के बाद मतदान हुआ। मतदान में अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में 37 सदस्यों तथा विपक्ष में 50 सदस्यों ने अपना मत दिया। 
 
राज्य के 90 सदस्यीय विधानसभा में सत्तापक्ष भारतीय जनता पार्टी के 49 तथा कांग्रेस के 39 सदस्य हैं, जबकि 1 सदस्य बहुजन समाज पार्टी का तथा 1 स्वतंत्र सदस्य है। 1 विधायक मनोनीत है।
 
शनिवार को हुए मतदान में अविश्वास प्रस्ताव के विपक्ष में भारतीय जनता पार्टी के 48 तथा बहुजन समाज पार्टी के सदस्य तथा मनोनीत सदस्य ने अपना मत दिया। जबकि पक्ष में कांग्रेस के 37 विधायकों ने अपना मत दिया। कांग्रेस के 2 विधायक अनुपस्थित थे।
 
अविश्वास प्रस्ताव पर हुई चर्चा के दौरान कांग्रेस ने भारतीय जनता पार्टी शासन पर जमकर निशाना साधा। विपक्ष के नेता टीएस सिंहदेव ने कहा कि उनके दल ने सरकार के प्रति अविश्वास व्यक्त किया है इसलिए वे अविश्वास प्रस्ताव लेकर आए हैं।
 
सिंहदेव ने कहा कि राज्य में शिक्षा की स्थिति खराब है। सेकंड्री एजुकेशन की स्थिति देश में 34वें स्थान पर है। यदि सरकार कहती है कि इसके बावजूद राज्य में शिक्षा की स्थिति अच्छी है तब वह प्रस्ताव वापस ले लेते हैं।
 
उन्होंने कहा कि चुनाव के पहले मुख्यमंत्री ने कहा था कि धान का 1-1 दाना खरीदा जाएगा और किसानों को 300 रुपए बोनस दिया जाएगा, लेकिन यह अब तक नहीं दिया गया है। यह बुनियादी विश्वास का पहला सवाल है।
 
उन्होंने कहा कि घोटालों में अदालत में आवेदन दे दिया गया है और प्रक्रिया चलती रहेगी। राज्य सरकार शिक्षा में आउटसोर्सिंग की बात करती है। यह सरकार की अकर्मण्यता और असफलता का परिणाम है। 
 
चर्चा के जवाब में मुख्यमंत्री रमन सिंह ने कहा कि राज्य की जनता का उनकी सरकार पर विश्वास लगातार कायम है। यह अविश्वास प्रस्ताव विपक्ष की नकारात्मक राजनीति और आत्ममुग्धता की पराकाष्ठा है। उनकी सरकार जनता के विश्वास की बदौलत छत्तीससगढ़ के विकास के लिए काम कर रही है और लगातार आगे बढ़ रही है।
 
सिंह ने विपक्ष पर तीखे प्रहार करते हुए कहा कि सत्ता की लालसा में वह झूठे आरोप लगाकर सदन की पवित्रता को ठेस पहुंचा रहा है। मैंने विपक्ष के नैतिक मूल्यों में ऐसी गिरावट अपने 30 वर्षों के लंबे सार्वजनिक जीवन में कभी नहीं देखी। 
 
रमन सिंह ने कहा कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत राज्य सरकार 60 लाख परिवारों को भरपेट भोजन के लिए राशन दे रही है। विपक्ष का यह अविश्वास प्रस्ताव इन 60 लाख परिवारों के प्रति अन्याय होगा। पहले छत्तीसगढ़ से 5 लाख लोगों का पलायन होता था। भूख से मौत होती थी, लेकिन आज हालात बदल गए हैं।
 
मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर देश में 88 हजार मेगावॉट बिजली उत्पादन की योजना बनती है तो उसका लगभग 25 प्रतिशत यानी 21 हजार मेगावॉट उत्पादन बढ़ाने की जिम्मेदारी छत्तीसगढ़ को मिलती है। यह देश को रोशन करने की हमारी नीतियों के प्रति और हमारी क्षमता के प्रति देश का विश्वास है।
 
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी नीति स्पष्ट है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ कठोर कार्रवाई जारी रखी जाए। इसी के तहत नागरिक आपूर्ति निगम के मामले में सिर्फ 3 महीने के भीतर अदालत में चालान प्रस्तुत कर दिया गया है। एसीबी ने तत्परता से कार्रवाई की है।
 
विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा और मतदान तथा कार्यसूची के कार्यों को पूर्ण करने के बाद विधानसभा अध्यक्ष गौरीशंकर अग्रवाल ने सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल तक के लिए स्थगित कर दी। (भाषा)
 
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