रायपुर। छत्तीसगढ़ के गोंड आदिवासियों ने शव को जलाने के बजाए दफनाने का फैसला किया है। आदिवासियों ने पेड़ों को कटने से बचाने के लिए यह फैसला किया है।
कबीरधाम जिले में गोंड आदिवासियों की महासभा में यह फैसला लिया गया कि गोंड समाज में अब शवों को जलाया नहीं जाएगा, बल्कि उन्हें दफनाया जाएगा। महासभा में शराब पर पाबंदी लगाने के साथ ही अमात गोंड, ध्रुव गोंड, राज गोंड जैसे विभाजनों को भी समाप्त करने का फैसला लिया गया।
उल्लेखनीय है कि गोंड समाज में देवी देवताओं को पूजा में शराब अर्पित करने की परंपरा है, इसके स्थान पर महुआ के फूल अर्पित किए जाएंगे। सामाजिक समारोह में शराब पिलाने पर आयोजकों पर 5 हजार का जुर्माना भी लगाया जाएगा।