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गठबंधन टला, रैलियों के साथ कांग्रेस और राकांपा ने किया चुनावी आगाज

हमें फॉलो करें गठबंधन टला, रैलियों के साथ कांग्रेस और राकांपा ने किया चुनावी आगाज
मुंबई , रविवार, 15 अप्रैल 2018 (15:20 IST)
मुंबई। आगामी लोकसभा चुनाव एवं महाराष्ट्र में विधानसभा चुनावों को देखते हुए कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने अपने-अपने स्तर पर अपने सांगठनिक ढांचों को मजबूत करने और भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार को सत्ता से हटाने के लिए व्यापक जनसंपर्क अभियान शुरू किया है।
 
 
इन दलों ने अपने-अपने स्तर पर विभिन्न कार्यक्रमों की शुरुआत की है। चुनाव लड़ने के लिए अब तक उन्होंने औपचारिक तौर पर कोई गठबंधन नहीं किया है। मौजूदा राजनीतिक स्थिति से निपटने के लिए कांग्रेस संगठन स्तर पर बैठकें कर रही है जबकि शरद पवार के नेतृत्व वाली राकांपा ने सत्तारूढ़ भाजपा को बेनकाब करने के लिए पिछले कुछ महीने से राज्य के विभिन्न हिस्सों में 'हल्लाबोल यात्रा' शुरू की है।
 
राज्य में 15 साल तक संयुक्त रूप से सत्ता में रहे दोनों दलों ने वर्ष 2014 के चुनावों में भाजपा और शिवसेना के विरुद्ध अलग-अलग चुनाव लड़ा था। उस वक्त नरेन्द्र मोदी की हवा में दोनों पार्टियां बुरी तरह धराशायी हो गईं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने स्वीकार किया कि खुद को आक्रामक विपक्षी पार्टी के रूप में पेश कर राकांपा ने देवेन्द्र फडणवीस के नेतृत्व वाली राज्य सरकार पर हमलावर होकर कांग्रेस पर बढ़त बना ली है।
 
कांग्रेस की प्रांतीय इकाई का एक वर्ग अपने मौजूदा अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण से नाखुश है। उनका मानना है कि वे सत्तारूढ़ शासन पर पर्याप्त रूप में आक्रामक नहीं रहे हैं। कांग्रेस के एक पदाधिकारी ने कहा कि हमें खुद को आक्रामक विपक्ष के तौर पर पेश करने की जरूरत है। हाल में कांग्रेस छोड़ राजग में शामिल होने वाले कांग्रेस के पूर्व नेता नारायण राणे के मामले का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि पार्टी के वफादारों को अब नजरअंदाज किया जा रहा है जबकि दलबदलुओं को लाभ पहुंचाया जा रहा है। 
 
बहरहाल, राकांपा के नेता नवाब मलिक ने कहा कि पार्टी अपनी 'हल्लाबोल' रैलियों के चलते भाजपा सरकार पर दबाव बनाने में सफल रही है। पिछले साल दिसंबर में 'हल्लाबोल यात्रा' की शुरुआत हुई थी और इस साल अक्टूबर में मुंबई में एक रैली के आयोजन के साथ यह समाप्त होगी। भाजपा नेताओं ने पिछले 1 साल में राज्य में हुए निकाय चुनावों में पार्टी के प्रदर्शन का हवाला देते हुए आगामी चुनावों में पार्टी की संभावनाओं को लेकर विश्वास जताया। (भाषा)

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