कांग्रेस नेतृत्व ने कर्नाटक में नेतृत्व परिवर्तन को लेकर जारी चर्चा के बीच शनिवार को इस विषय के समाधान पर विस्तृत मंथन किया। हालांकि बैठक में कोई फैसला नहीं हो सका। इस मामले पर कांग्रेस आलाकमान की जल्द ही एक और बैठक होगी। मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने हाल ही में कहा था कि वे पूरे 5 साल के कार्यकाल के लिए मुख्यमंत्री बने रहेंगे और भविष्य में राज्य का बजट पेश करना जारी रखेंगे। शिवकुमार ने कहा था कि वे मुख्यमंत्री बदलने के मुद्दे पर सार्वजनिक तौर पर बात नहीं करना चाहते, क्योंकि यह पार्टी में चार-पांच लोगों के बीच एक गुप्त समझौता है और उन्हें अपनी अंतरात्मा पर भरोसा है।
ऐसा समझा जाता है कि कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने अपने 10 जनपथ स्थित आवास पर हुई चर्चा में हिस्सा लिया क्योंकि पार्टी कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया और उपमुख्यमंत्री डी. के. शिवकुमार के बीच तनाव कम करना चाहती है।
सत्ता साझेदारी समझौता को लेकर दबाव
20 नवंबर को कांग्रेस सरकार के अपने 5 वर्षीय कार्यकाल के ढाई साल पूरा होने के बाद यह चर्चा और तेज हो गई है, क्योंकि 2023 में मुख्यमंत्री सिद्धरमैया और उप मुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के बीच कथित सत्ता साझेदारी समझौते का दावा किया जा रहा है। कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने पिछले दिनों कहा था कि वह सोनिया गांधी और राहुल गांधी से चर्चा के बाद कर्नाटक के मामले का समाधान करेंगे।
सोनिया गांधी के आवास पर हुई बैठक
कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी की आवास 10 जनपथ पर शनिवार शाम हुई इस बैठक में सोनिया गांधी, पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल मौजूद थे। बैठक के बाद वेणुगोपाल ने कहा कि इस बैठक में कर्नाटक के विषय समेत संपूर्ण राजनीतिक हालात और 14 दिसंबर को दिल्ली के रामलीला मैदान में होने वाली पार्टी की रैली की तैयारियों को लेकर चर्चा की गई।
बैठक के बाद क्या बोले वेणुगोपाल
उन्होंने पत्रकारों से कहा कि हमने कर्नाटक पर भी चर्चा की है। अभी तक कुछ भी तय नहीं हुआ है। हम इस मुद्दे पर एक और चर्चा करेंगे। कर्नाटक कांग्रेस पूरी तरह से एकजुट है। अगले कुछ दिनों में कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व कर्नाटक मुद्दे पर विचार-विमर्श के लिए फिर से बैठक करेगा। आलाकमान ने पहले ही राज्य के नेताओं को इस मामले पर सार्वजनिक रूप से टिप्पणी न करने का निर्देश दिया है।