Kirori Lal Meena-Jitendra Gothwal dispute Case : भाजपा के अंदरुनी मतभेद एक बार फिर खुलकर सामने आ रहे हैं। राजस्थान में भाजपा विधायक दल की बैठक में कृषि व आपदा राहत मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीणा और भाजपा विधायक जितेन्द्र गोठवाल के बीच अफसरों पर कार्रवाई के मुद्दे को लेकर तीखी बहस हुई। बाद में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने हस्तक्षेप कर मामले को शांत कराया। इस बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे शामिल नहीं हुईं।
खबरों के अनुसार, राजस्थान में मंगलवार को भाजपा विधायक दल की बैठक में कृषि व आपदा राहत मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीणा और भाजपा विधायक जितेन्द्र गोठवाल के बीच अफसरों पर कार्रवाई के मुद्दे को लेकर तीखी बहस हुई। बाद में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने हस्तक्षेप कर मामले को शांत कराया।
बैठक में गोठवाल का कहना था कि उन्होंने अपने विधानसभा क्षेत्र में जेजेएम घोटाले की जांच की मांग उठाई थी। जांच में दोषी पाए गए पांच अफसरों पर कार्रवाई के बजाय सरकार ने चुप्पी साध रखी है। इस पर कृषि मंत्री किरोड़ी लाल मीणा उखड़ गए। उनका कहना था कि सारे काम नियमानुसार होंगे। इसके बाद जितेंद्र गोठवाल ने भी मंत्री किरोड़ी से आक्रामक अंदाज में बोलना शुरू किया।
बैठक में शिक्षा विभाग में तबादलों पर से प्रतिबंध हटाने की मांग भी उठी। भाजपा विधायक दल की बैठक में पूर्व सीएम वसुंधरा राजे शामिल नहीं हुईं। हालांकि वसुंधरा राजे सोमवार को विधानसभा पहुंची थीं, जहां उन्होंने बीजेपी विधायकों से मुलाकात भी की थी।
राज्य स्तरीय एक सम्मेलन में कृषि और आपदा राहत मंत्री डॉ. किरोड़ीलाल मीणा ने बोलते हुए कहा कि उनके विभाग की जिम्मेदारी हर उस जगह तक पहुंचने की है, जहां संकट आता है। जहां आफत पड़े वहां मुझे जाना पड़ता है। बाढ़ का मंत्री हूं, जिम्मेदारी मेरी है। मकान गिरे तो मैं जाऊं, बिजली गिरे तो मैं जाऊं। डॉ. मीणा ने कहा कि यह महज संयोग है कि उन्हें दूसरी बार भी आपदा राहत का मंत्रालय मिला है।
Edited By : Chetan Gour