श्रीनगर। नोटबंदी के कारण आतंकी गुट कड़की में हैं। उनका हुक्का-पानी बंद होने के कगार पर है। नतीजतन उन्होंने अब बैंकों को लुटना आरंभ कर दिया है। दो दिनों में हुई बैंक लूटने की दो घटनाएं इसकी साक्षी हैं। दोनों घटनाओं में लूटे गए 50 लाख के करीब रुपयों में अधिकतर 100 तथा 2000 के नोट थे। इन लूट की घटनाओं के बाद सारे राज्य में बैंकों की सुरक्षा बढ़ाए जाने के साथ ही उन वाहनों की भी सुरक्षा बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं जो बैंकों तथा एटीएम के लिए कैश लेकर जाते हैं।
ऐसे निर्देश उन सूचनाओं के बाद आए हैं जिनमें कहा जा रहा है कि नोटबंदी के कारण हुई कड़की को दूर करने की खातिर आतंकी और बैंकों तथा कैश वाहनों को लूट सकते हैं। जम्मू-कश्मीर बैंक की किश्तवाड़ शाखा में कुछ अज्ञात लोगों ने 34 लाख रुपए से अधिक लूट लिए। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, लूट मंगलवार रात जिले के सरथल इलाके में हुई। उन्होंने कहा कि मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है।
इससे पहले सोमवार को भी एक बैंक में चार नकाबपोश बंदूकधारी घुस आए और 12.50 लाख रुपए लूटकर फरार हो गए। इस रकम में ज्यादातर 500 और 1000 रुपए के नोट थे, जो अब बंद हो चुके हैं। लूट की यह वारदात श्रीनगर से करीब 100 किलोमीटर दूर मालपोरा में राज्य सरकार द्वारा संचालित जम्मू-कश्मीर बैंक की एक शाखा में हुई थी।
गौरतलब है कि सोमवार को दोपहर में मध्य कश्मीर के बड़गाम जिले के चरारे शरीफ क्षेत्र के मालपेरा में स्थित जम्मू-कश्मीर बैंक की शाखा में सुरक्षाबलों की वर्दी में चार लोग घुस आए और बैंक से 12.50 लाख रुपए लूट कर ले गए थे। पुलिस सूत्रों ने बताया कि इस घटना में आतंकियों का हाथ हो सकता है। लूटे गए 13 लाख में से 11 लाख रुपए 500 और 1000 के नोट में थे, जो प्रचलन से बाहर किए जा चुके हैं।
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 नवंबर को नोटबंदी की घोषणा के दौरान कहा था कि वह टैक्स चोरी, भ्रष्टाचार और जालसाजी के खिलाफ बड़ा अभियान छेड़ने जा रहे हैं। उन्होंने जोर देकर कहा था कि आतंकियों को होने वाली फंडिंग में नकली नोटों का इस्तेमाल होता है। नोटबंदी से आतंकियों को मिलने वाले फंड पर भी करारी मार पड़ेगी।