विषाणु और प्रोटोजोआ के संक्रमण से 11 बब्बर शेरों की मौत

Webdunia
बुधवार, 3 अक्टूबर 2018 (22:59 IST)
गांधीनगर। गुजरात सरकार का कहना है कि गिर के जंगलों में 12 सितंबर से अभी तक हुई कम से कम 11 बब्बर शेरों की मौत के लिए कैनाइन डिस्टेम्पर विषाणु और प्रोटोजोआ का संक्रमण जिम्मेदार है।
 
अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि फिलहाल 36 से ज्यादा शेरों को निगरानी में रखा गया है। इनमें से तीन की हालत गंभीर बताई जा रही है।
 
गौरतलब है कि वन विभाग पहले कई बार यह कह चुका है कि बब्बर शेरों में आपस में हुई लड़ाई के दौरान लगे जख्मों के कारण उनकी मौत हुई है। बब्बर शेर पूरे एशिया में सिर्फ गिर के जंगलों में बचे हुए हैं।
 
उन्होंने बताया कि गिर के इन बब्बर शेरों को बचाने के लिए एहतियात के तौर पर अमेरिका से 300 टीके मंगवाये गये हैं।
 
राज्य वन एवं पर्यावरण मंत्री गणपत वसावा ने संवाददाताओं को बताया कि पुणे स्थित राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान ने अपनी जांच में पाया कि 11 शेरों में से चार में कैनाइन डिस्टेम्पर विषाणु (सीडीवी) संक्रमण मिला जबकि बाकि सात में प्रोटोजोआ संक्रमण मिला है।
 
कैनाइन डिस्टेम्पर विषाणु से फैलने वाली संक्रामक बीमारी है जिससे तमाम तरह की पशु प्रजातियां प्रभावित होती हैं। इस बीमारी से पशु की श्वसन प्रणाली, आंतें और तंत्रिका तंत्र प्रभावित होता है। इससे पहले सीडीवी ने पूर्वी अफ्रीका के सेरेंगेती के जंगलों में रहने वाले शेरों में से करीब एक तिहाई की जान ले ली थी। (भाषा)
 

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

डोनाल्ड ट्रंप के निशाने पर क्यों है भारत? क्या मोदी-ट्रंप की दोस्ती का वक्त पूरा हो गया है?

डोनाल्ड ट्रंप को करना पड़ सकती है PM मोदी से बात, क्यों बोले अमेरिकी विशेषज्ञ

शशि थरूर ने फिर कही कांग्रेस को चुभने वाली बात, डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ को लेकर क्या बोले

देश में मानसून ने पकड़ी रफ्तार, दूसरे चरण में कितनी होगी बारिश, IMD ने जताया यह अनुमान

मालेगांव ब्लास्ट केस में साध्वी प्रज्ञा ठाकुर के बरी होने पर रोई उमा भारती, कहा दिग्विजय ने रची भगवा आतंकवाद की झूठी थ्योरी

सभी देखें

नवीनतम

इमरान खान को बड़ा झटका, PTI के सांसदों समेत 166 नेताओं को कोर्ट ने सुनाई सजा

उपराष्ट्रपति चुनाव को लेकर आया बड़ा अपडेट, भारत निर्वाचन आयोग ने क्या कहा

'रमी गेम' विवाद के बाद फडणवीस सरकार का बड़ा एक्‍शन, मंत्री माणिकराव कोकाटे से छीना कृषि विभाग

Malegaon blast case : मोहन भागवत को लेकर मालेगांव ब्लास्ट केस के तत्कालीन ATS अधिकारी महबूब मुजावर का बड़ा खुलासा

2020 से अब तक कितने विदेशियों को जारी किए ई-वीजा, सरकार ने संसद में दिया यह जवाब

अगला लेख