उत्तराखंड के नैनीताल के पास चारखेत क्षेत्र में आतंक मचाने वाली मादा गुलदार आखिरकार में पिंजरे में कैद हो ही गई। इस तस्वीर को गौर से देखिए, जंगल में आतंक का पर्याय पिंजरे में बंद मादा तेंदुआ कैसे गुर्रा रही है। आबादी के बीच इस वन्य जीव ने कैसे दहशत फैलाई, आइए हम आपको बताते हैं।
पिछले एक माह से इस मादा तेंदुए ने पर्यटन स्थल नैनीताल के पास स्थित चारखेत गांव क्षेत्र में आतंक मचा रखा था। यह मादा तेंदुआ है, जो रिहायशी इलाके में पालतू कुत्तों और मवेशियों को अपना शिकार बना चुकी है।
गांव में इतना आतंक था कि लोग सांझ होते ही घरों में दुबक जाते थे। ग्रामीणों की शिकायत पर इसे पकड़ने के लिए वन विभाग ने ट्रैपिंग कैमरे और पिंजरे लगाए।
ये मादा तेंदुआ इतनी शातिर थी कि उसने वन विभाग के लगाए पिंजरे में बांधी बकरी को भी अपना निवाला बना लिया, लेकिन कैद होने से बच गई। मादा तेंदुआ की लुका-छिपी का यह खेल ज्यादा दिन नहीं चल सका।
आखिरकार वन विभाग की कोशिश रंग लाई और यह मादा तेंदुआ गुलदार आज वन विभाग के पिंजरे में कैद हो ही गई। जैसे ही उसके पिंजरे में कैद होने की सूचना गांव वालों को लगी, उसे देखने के लिए तांता लग गया।
कई लोग इस दृश्य को अपने मोबाइल कैमरे में कैद करने लगे। पिंजरे में कैद मादा तेंदुआ इतनी गुस्से में थी कि उसने गुर्रा-गुर्राकर आसमान सिर पर उठा लिया।
वन रेंज अधिकारी प्रमोद तिवारी का कहना है कि इस मादा तेंदुए को रेस्क्यू सेंटर रानी बाग भेजा जा रहा है, जहां इसका उपचार किया जाएगा। साथ ही इलाके में गश्त जारी रहेगी, जिससे दूसरे तेंदुओं को आबादी में आने से रोका जा सके।
गुलदार के पिंजरे में कैद होने से ग्रामीणों ने राहत की सांस ली है। प्रश्न यह उठता है कि जंगल के प्राणी शहरों और आबादी की तरफ क्यों आ रहे हैं? इसका जबाव आपको और हमें सोचना होगा क्योंकि जब हम इनकी सीमा में अतिक्रमण करेंगे तो यह कहां जाएंगे?