मेरठ में शव दफनाने को लेकर बवाल, 2 समुदायों में जमकर संघर्ष, भाजपा नेताओं को भी पीटा

हिमा अग्रवाल
गुरुवार, 3 मार्च 2022 (23:24 IST)
मेरठ। थाना कंकरखेड़ा क्षेत्र में कब्रिस्तान की जमीन को लेकर उस वक्त तनाव हो गया, जब खोदी गई कब्र पर मृतक को दफन किया जाना था। कंकरखेड़ा के श्रद्धापुरी फेस टू के निकट कई दशकों से एक कब्रिस्तान चल रहा है। कुछ दिन पहले एमडीए ने यह जमीन एक स्थानीय डॉक्टर और अस्पताल मालिक को बेच दी।

मुस्लिम समुदाय कब्रिस्तान पर पहुंचा और कब्र खोदी तो हिंदू संगठन विरोध स्वरूप पहुंच गए और उन्होंने पूरे मामले को साम्प्रदायिक मोड़ देने की कोशिश की। पुलिस की सावधानी और सतर्कता के चलते बड़ा बवाल होने से बच गया।

कब्रिस्तान पर मुस्लिम पक्ष और हिंदूवादी संगठनों में उस समय तनातनी हो गई, जब उन्होंने खोदी गई कब्र में शव दफन के लिए रोक लगा दी। स्थानीय भाजपा नेता और हिंदू संगठन के लोगों ने अल्पसंख्यक समाज से कब्रिस्तान की जमीन के कागज मांगे तो उन्‍होंने विरोध करते हुए कागज न दिखाने की बात कही, जिसके चलते दोनों पक्षों में बहस हो गई, इसी बीच कुछ लोगों ने भाजपा नेता दुष्यंत रोहटा के साथ मारपीट कर दी।

मौके पर पहुंची पुलिस की हिंदू जागरण मंच के नेता सचिन सिरोही और दुष्यंत रोहटा से हॉट टॉक हो गई। कंकरखेड़ा थाने के इंस्पेक्टर पर सचिन और दुष्यन्त रोहटा ने साथ न देने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि पुलिस की मौजूदगी में दुष्यंत को पीटा गया, मारने वाले लाठी-डंडों से लैस थे, सचिन सिरोही पुलिस और भीड़ के बीच में कहते सुने गए कि हिंदुओं को दबाया जा रहा है और मुसलमानों का साथ दिया जा रहा है। ऐसे शब्द जनभावनाओं को भड़काने वाले थे, जिसके चलते साम्प्रदायिक सौहार्द बिगड़ सकता था।

हालांकि पुलिस अधिकारियों का कहना है कि मेरठ विकास प्राधिकरण इस पर कार्रवाई करेगा। दोनों पक्षों ने अपने कागज प्रस्तुत किए हैं, जिनकी जांच करवाई जा रही है। मेरठ एसपी सिटी, विनीत भटनागर का कहना है कि जो भी साम्प्रदायिक भावनाएं भड़काने का काम करेगा, उनसे पुलिस प्रशासन सख्ती से निपटेगा। कब्रिस्तान पर कुछ लोगों ने माहौल खराब करने की कोशिश की है, जिसके चलते दुष्यंत रोहटा को हिरासत में लिया गया है। वहीं मौके पर बनाई गई वीडियो के आधार पर अन्य लोगों की तलाश जारी है।

प्रश्न उठता है कि ये हिंदूवादी लोग कब्रिस्तान पर जाकर भिड़ जाते हैं, वहीं दूसरी तरफ बड़ी संख्या में दूसरे पक्ष के लोग मौजूद हैं, ऐसे में बातचीत को साम्प्रदायिक रंग देना उचित नहीं है। यदि कहीं कुछ गलत हो रहा है तो पुलिस-प्रशासन की जिम्मेदारी है उसे सही करवाना।

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