फिल्म निर्माता रामगोपाल वर्मा को 3 महीने की जेल, जानिए क्‍या है मामला...

वेबदुनिया न्यूज डेस्क
शुक्रवार, 14 फ़रवरी 2025 (20:41 IST)
Filmmaker Ram Gopal Varma News : मुंबई की एक अदालत ने चेक बाउंस के एक मामले में फिल्म निर्माता रामगोपाल वर्मा को 3 महीने की जेल की सजा सुनाते हुए कहा कि उन्हें भुगतान करने के लिए पर्याप्त अवसर दिया गया था और चेक का भुगतान न करने की मंशा से उसे जारी करने की प्रवृत्ति को रोकने के लिए दंड दिया जाना आवश्यक था। अदालत ने वर्मा को शिकायतकर्ता को 3 महीने में 3,72,219 रुपए का भुगतान करने का भी निर्देश दिया था। वर्मा ने सजा को निलंबित करने की मांग करते हुए सत्र न्यायालय में एक आवेदन दायर किया है।
 
अंधेरी न्यायिक मजिस्ट्रेट (प्रथम श्रेणी) वाईपी पुजारी ने 21 जनवरी को ‘निगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट’ के तहत वर्मा को दोषी पाया था। शुक्रवार को आदेश की प्रति उपलब्ध कराई गई। अदालत ने वर्मा को शिकायतकर्ता को 3 महीने में 3,72,219 रुपए का भुगतान करने का भी निर्देश दिया था। वर्मा ने सजा को निलंबित करने की मांग करते हुए सत्र न्यायालय में एक आवेदन दायर किया है।
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गत 21 जनवरी को आदेश पारित किए जाने के समय वर्मा उपस्थित नहीं थे, लेकिन मजिस्ट्रेट ने कहा कि किसी अभियुक्त की अनुपस्थिति में दोषसिद्धि का फैसला पारित करना अवैध नहीं होगा क्योंकि दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) के प्रावधान के तहत इसकी अनुमति है।
 
आदेश में कहा गया है, इसलिए मैंने यह उचित और न्यायसंगत पाया कि अभियुक्त की अनुपस्थिति में दोषसिद्धि का फैसला सुनाया जाए। इस मामले में अभियुक्त अपने बचाव के अधिकारों का उपयोग करने के बजाय विलंब करने पर तुला हुआ था। निस्संदेह, अभियुक्त को शिकायतकर्ता के शिकायत दर्ज कराने से लेकर मुकदमे की समाप्ति तक चेक का भुगतान करने का पर्याप्त अवसर दिया गया था, लेकिन अभियुक्त ने भुगतान नहीं किया।
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मजिस्ट्रेट ने आदेश में कहा, चेक का भुगतान न करने की मंशा से उसे जारी करने की मानव प्रवृत्ति को रोकने के लिए आरोपी को दंड दिया जाना आवश्यक था। शिकायतकर्ता की कंपनी की ओर से पेश हुए अधिवक्ता राजेश कुमार पटेल ने अदालत में एक हलफनामा पेश किया था जिसमें कहा गया था कि कंपनी ने आरोपी के अनुरोध पर फरवरी 2018 और मार्च 2018 के बीच ‘हार्ड डिस्क’ उपलब्ध कराई थी, जिसके बाद 2,38,220 रुपए की कर चालान राशि जारी की गई थी।
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हलफनामे के अनुसार, आरोपी ने उस वर्ष एक जून को शिकायतकर्ता को एक चेक जारी किया, जो अपर्याप्त धनराशि के कारण बाउंस हो गया, जबकि उसी राशि का दूसरा चेक भी भुगतानकर्ता द्वारा रोके जाने के कारण बाउंस हो गया। हलफनामे में कहा गया है कि शिकायतकर्ता के पास कानूनी उपाय का लाभ उठाने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा था और 2018 में वर्मा की कंपनी के खिलाफ चेक बाउंस की शिकायत दर्ज की गई थी। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour

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