अस्थि विसर्जन के लिए नि:शुल्क बसें, राजस्थान और उत्तराखंड सरकार में बनी सहमति

Webdunia
शनिवार, 23 मई 2020 (12:43 IST)
जयपुर। राजस्थान में लॉकडाउन लागू होने के बाद दिवंगत हुए लोगों की अस्थियों के विसर्जन के लिए चलाई जाने वाली विशेष बसों को लेकर राजस्थान और उत्तराखंड सरकार में सहमति बन गई है। राजस्थान सरकार ने इन विशेष बसों को नि:शुल्क चलाने की घोषणा की है।
 
अधिकारियों ने बताया कि राजस्थान सरकार के आग्रह पर उत्तराखंड सरकार ने अस्थि विसर्जन के लिए बसों के आवागमन की सहमति दे दी है। इससे शोक-संतप्त परिजन अस्थि विसर्जन स्थलों पर जा सकेंगे।
ALSO READ: यूपी बस विवाद: कांग्रेस विधायक अदिति सिंह नाराज, अपनी ही पार्टी पर खड़े कर दिए सवाल...
अधिकारी इस संबंध में उत्तरप्रदेश सरकार से सहमति लेने के लिए भी प्रयास कर रहे हैं। अस्थि विसर्जन के लिए किसी भी परिवार के 2 या 3 सदस्य इन विशेष बसों में नि:शुल्क यात्रा कर सकेंगे। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा शुक्रवार को की गई समीक्षा बैठक में यह जानकारी दी गई।
 
अतिरिक्त मुख्य सचिव (उद्योग) सुबोध अग्रवाल ने बैठक में बताया कि अब राजस्थान से हरिद्वार तथा अन्य अस्थि विसर्जन स्थलों के लिए प्रतिदिन 4 या 5 बसें संचालित होंगी। ये बसें शुरू में राज्य के संभागीय मुख्यालयों से तथा उसके बाद आवश्यकतानुसार जिला मुख्यालयों से चलाई जाएंगी। (भाषा)

सम्बंधित जानकारी

Show comments

महाराष्ट्र में कौनसी पार्टी असली और कौनसी नकली, भ्रमित हुआ मतदाता

Prajwal Revanna : यौन उत्पीड़न मामले में JDS सांसद प्रज्वल रेवन्ना पर एक्शन, पार्टी से कर दिए गए सस्पेंड

क्या इस्लाम न मानने वालों पर शरिया कानून लागू होगा, महिला की याचिका पर केंद्र व केरल सरकार को SC का नोटिस

MP कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी और MLA विक्रांत भूरिया पर पास्को एक्ट में FIR दर्ज

टूड्रो के सामने लगे खालिस्तान जिंदाबाद के नारे, भारत ने राजदूत को किया तलब

कोविशील्ड वैक्सीन लगवाने वालों को साइड इफेक्ट का कितना डर, डॉ. रमन गंगाखेडकर से जानें आपके हर सवाल का जवाब?

Covishield Vaccine से Blood clotting और Heart attack पर क्‍या कहते हैं डॉक्‍टर्स, जानिए कितना है रिस्‍क?

इस्लामाबाद हाई कोर्ट का अहम फैसला, नहीं मिला इमरान के पास गोपनीय दस्तावेज होने का कोई सबूत

पुलिस ने स्कूलों को धमकी को बताया फर्जी, कहा जांच में कुछ नहीं मिला

दिल्ली-NCR के कितने स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी, अब तक क्या एक्शन हुआ?

अगला लेख