नकली कस्टम अधिकारियों ने लूटा 1 करोड़ का सोना

Webdunia
रविवार, 10 सितम्बर 2017 (15:18 IST)
राजकोट। गुजरात में राजकोट शहर के ए डिवीजन क्षेत्र में 2 फर्जी कस्टम अधिकारियों द्वारा 1 करोड़ रुपए से अधिक का सोना लूटने का मामला सामने आया है जिसको लेकर इनके खिलाफ शनिवार देर रात मामला भी दर्ज किया गया है। 
 
पुलिस ने रविवार को बताया कि अब्दुल हासीम (37) थैले में 3 किलो 877 ग्राम 510 मिलीग्राम वजन का सोना लेकर अपने घर जा रहा था। तभी रामनाथ परा गरुड़ गरबी चौक के निकट मोटरसाइकल पर आए 2 लोगों ने अब्दुल हासीम को रोका और खुद की पहचान कस्टम अधिकारी बताई और उससे कहा कि सोने से भरे थैले की तलाशी लेनी है। थैले की तलाशी लेते हुए नकली कस्टम अधिकारी उससे थैला लूटकर फरार हो गए। सोने की कीमत 1 करोड़ 15 लाख रुपए आंकी जा रही है।
 
बताया जा रहा है कि अब्दुल हासीम सोने के आभूषण बनाने का कारीगर है। आभूषण बनाने के लिए वह थैले में सोना लेकर अहमदाबाद से राजकोट बस में आया था। वह बस स्टैंड से ऑटो रिक्शा में रामनाथ परा गरुड़ गरबी चौक उतरकर अपने घर की ओर जा रहा था। उसी दौरान 2 अज्ञात नकली कस्टम अधिकारियों ने सोने से भरा थैला लूट लिया। मामला दर्ज कर फर्जी कस्टम अधिकारियों की तलाश की जा रही है। (वार्ता)
Show comments

जरूर पढ़ें

Maharashtra politics : क्या महाराष्ट्र में होने वाला है बड़ा खेला, फडणवीस और उद्धव ठाकरे की मुलाकात के सियासी मायने

भारत में कितनी तेजी से बढ़ रही किस धर्म की आबादी? क्या भविष्य में अल्पसंख्यक बन जाएंगे बहुसंख्यक!

निमिषा प्रिया को बचाने के लिए क्या कर रही है भारत सरकार, विदेश मंत्रालय ने दी पूरी जानकारी

Donald Trump की धमकी, रूस से सस्ता तेल, क्या करेगी भारत सरकार, पेट्रोलियम मंत्री बोले- प्लान तैयार

7 महीने में 24 हजार लोगों को काटा, अब भी 30 हजार से ज्‍यादा कुत्‍तों की नहीं हुई नसबंदी, कहां सो रहा निगम प्रशासन

सभी देखें

नवीनतम

Maharashtra : महाराष्ट्र विधानसभा में क्यों चले लात-जूते, पढ़िए क्या है पूरा मामला, video

शिक्षक, साहित्यकार डॉ. रामकृष्ण सिंगी का निधन, अंत्येष्टि शुक्रवार को

Maharashtra politics : क्या महाराष्ट्र में होने वाला है बड़ा खेला, फडणवीस और उद्धव ठाकरे की मुलाकात के सियासी मायने

भोपाल में एमपी नगर में धंसी सड़क, 10 फीट का गड्डा, पटवारी ने कसा तंज

भारत में कितनी तेजी से बढ़ रही किस धर्म की आबादी? क्या भविष्य में अल्पसंख्यक बन जाएंगे बहुसंख्यक!

अगला लेख