मेरठ में बुधवार को उत्तर प्रदेश की राज्यपाल ने 2 विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में शिरकत की। उन्होंने शिक्षा और देश की प्रगति में बालिकाओं की भूमिका को अग्रणीय माना, वहीं दूसरी तरफ विपक्ष पर जमकर हमला किया। एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी में बोलते हुए उन्होंने कहा कि भारत की बेटियां आत्मनिर्भर हो रही हैं, कोई भी क्षेत्र हो बेटियां पुरुषों से आगे निकल रही हैं।
कृषि विश्वविद्यालय के 14वें दीक्षांत समारोह में7 में से 4 बेटियों ने मेडल पाकर साबित कर दिया है कि वह किसी से कम नहीं है। एक दिन ऐसा आएगा, जब बेटियां किसानों का उद्धार करते हुए जीवन बदल देंगी। देश की बेटियां बैंकों से लोन लेकर समय से उसकी अदायगी कर रही हैं, वहीं बैंक भी बेटियों को लोन देने में आनाकानी नहीं कर रहे हैं, उन्हें आसानी से लोन दिया जा रहा है।
आनंदी पटेल बोलीं, बैंक से करोड़ों का लोन लेकर कहां-कहां हैं, लेकिन बेटी पैसा लेकर कहां जा सकती है, सिर्फ बैंक में जमा करवाने ही जा सकती है। राज्यपाल ने कहा कि आज बेटियां अपनी जमीन से जुड़ रही हैं, चाहे वह कृषि क्षेत्र से जुड़े स्वयं सहायता समूह हों, चाहे वे पढ़ाई, कृषि क्षेत्र से जुड़े उद्योग-धंधे हों, बेटियों का जलवा हर क्षेत्र में है। अब बेटियां आत्मनिर्भर होकर लोन ले रही हैं और ऋण अदा भी हो रहा है। बेटियां हर क्षेत्र में आगे निकल रही हैं। नीति आयोग की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 99.9 प्रतिशत बेटियों द्वारा बैंक से लिया गया लोन चुकता भी हुआ है।
चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने विपक्ष पर प्रहार करते हुए कहा कि सरयू परियोजना 40 साल पहले 100 करोड़ में बननी तय हुई थी, लेकिन उस समय की सरकारों ने इस पर काम नहीं किया, लेकिन अब 40 साल बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस परियोजना को अपने हाथ में लिया और 4.5 साल में इसको पूरा कर दिखाया।
उन्होंने कहा, अब यह परियोजना 10 हजार करोड़ में पूरी हुई। प्रश्न उठाते हुए वे बोलीं कि इस पाप का जिम्मेदार कौन है? हमने सरयू परियोजना पूरी करके पाप धो लिया है। आनंदी पटेल ने कहा, प्रधानमंत्री मोदी के मजबूत इरादों के चलते मेरठ को रेपिड रेल मिल रही है, जिसने दिल्ली को मेरठ से जोड़ दिया। पहले भी सरकारें आईं और गईं किसी ने कोई काम नहीं किया, बस प्रधानमंत्री मोदी ही काम कर रहे हैं।
राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने कहा, महाभारत के लिए प्रसिद्ध हस्तिनापुर को भी संजोने का काम किया जा रहा है, जल्दी ही महाभारत सर्किट पर काम पूरा होगा, जबकि ये सभी स्थल पांच हजार वर्ष से यहीं पर हैं, लेकिन किसी ने इनकी सुध नहीं ली।