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उत्तराखंड में भारी बारिश, बद्रीनाथ हाईवे पर 80 मीटर तक सड़क 'गायब', टिहरी में फंसे कांवड़ यात्री

हमें फॉलो करें उत्तराखंड में भारी बारिश, बद्रीनाथ हाईवे पर 80 मीटर तक सड़क 'गायब', टिहरी में फंसे कांवड़ यात्री

एन. पांडेय

, गुरुवार, 14 जुलाई 2022 (07:29 IST)
देहरादून। उत्तराखंड में बद्रीनाथ नेशनल हाईवे मार्ग नंदप्रयाग - मैठाणा के बीच पुरसाड़ी की पुलिया के समीप करीब 50 से 80 मीटर तक ढह जाने से जमींदोज हो गया है। इस कारण इस राह में कई तीर्थयात्री फंस गए हैं। उन्हें दूसरे रास्तों से भेजा जा रहा है। टिहरी में भारी बारिश की वजह से 22 कांवड़ यात्री बारिश में रात भर फंसे रहे।
 
ऑलवेदर रोड के इतने बड़े हिस्से का इस तरह भरभरा कर गिर जाने से उसकी गुणवत्ता पर भी सवाल उठ रहे हैं। अभी जबकि बरसात अपने शुरुआती चरण में ही है और पूरा मानसून सीजन शेष है ऑल वेदर रोड के नाम से निर्माणाधीन बद्रीनाथ मार्ग जगह-जगह टूट रहा है।
 
चमोली जिले में बीते दिन की मूसलाधार बारिश से कर्णप्रयाग से बद्रीनाथ धाम तक हाईवे कई अन्य स्थानों पर भी भूस्खलन की चपेट में आने से यातायात के लिए बाधित हो गया। यह हाईवे कई स्थानों पर भूस्खलन से मलबा आने पर बाधित हुआ है। पुरसाड़ी के पास हाईवे का ही एक बड़ा हिस्सा ढह जाने से पास में बने पुल को भी खतरा पैदा हो गया है।
 
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बद्रीनाथ नेशनल हाईवे कर्णप्रयाग के पास उमट्टा और लंगासू में भी भूस्खलन से बाधित है। इस कारण हाईवे के दोनों ओर वाहनों की लंबी लाइन लग गई है।
 
कर्णप्रयाग- बद्रीनाथ नेशनल हाईवे उमटा धार के पास पहाड़ी से मलबा आने से 2 पोकलैंड मशीन भी इसकी चपेट में आ गई और वहां एक ढाबे को भी नुकसान हुआ है। बारिश के चलते कर्णप्रयाग सुभाष नगर पैदल मार्ग भी बंद है। कर्णप्रयाग- नौटी मोटर मार्ग भी मलबा आने से बंद है। कर्णप्रयाग- बद्रीनाथ नेशनल हाइवे लंगासू चौकी के पास बंद है।
 
पुरसाड़ी के पास क्षतिग्रस्त हो गए बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग का थाना चमोली की टीम ने मौके पर पहुंचकर जायजा लिया। पुरसाड़ी के पास सड़क का एक बड़ा हिस्सा टूट कर गिरने से उत्पन्न स्थितियों को देखते हुए यात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए वहां पुलिस के जवान तैनात कर दिए हैं और संबंधित विभाग को सूचित किया गया है।
 
 
उत्तराखंड मौसम केंद्र ने बुधवार को भी देहरादून, उत्तरकाशी, नैनीताल, बागेश्वर और पिथौरागढ़ जिलों में कहीं-कहीं भारी बारिश की आशंका का अलर्ट दिया था। पहाड़ी नदी नाले बरसाती पानी से उफन जाने से भी उत्तराखंड के कई जिलों खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में जिंदगी पटरी से उतर गई है।
 
मौसम विभाग ने देहरादून, उत्तरकाशी, नैनीताल, बागेश्वर, पिथौरागढ़ में 24 घंटे में भारी बारिश के आसार होने की भविष्यवाणी कर आपदा प्रबंधन से जुड़े अफसरों को अलर्ट किया है। हालांकि आपदा से निपटने के लिए 15वीं वाहिनी एनडीआरएफ की छह टीमों को गढ़वाल, कुमाऊं में तैनात किया गया है। तुरंत बचाव और राहत कार्यों के लिए राज्य के दोनों मंडलों में दो हेलीकॉप्टर भी तैनात किए गए हैं।
 
देहरादून शहर के रायपुर क्षेत्र के तरला आमवाला इलाके में दो मासूम बच्चियां बरसाती नाले में बहने से लापता हो गई। SDRF द्वारा शुरू की गयी खोजबीन के दौरान एक बच्ची का शव बरामद हुआ जबकि दूसरी बच्ची की तलाश जारी है। नाले में बहने वाली एक बच्ची की उम्र 6 साल और दूसरी की 7 साल बताई जा रही है। नाले में बहकर लापता हुई दोनों मासूम बच्चियां  बिहार मूल की रहने वाली हैं जो की इस नाले के समीप खेल रही थी।
 
टिहरी जिले के बेलक-बूढ़ाकेदार में बीते रोज पैदल यात्रा पर निकले 22 कांवड़ यात्री बारिश में रात भर फंसे रहे। बुधवार सुबह एसडीआरएफ और राजस्व पुलिस ने सभी को रेस्क्यू किया। ये 22 कांवड़ यात्री उत्तर प्रदेश के थे और गंगोत्री से जलभरकर लौट रहे थे । इन यात्रियों में तीन महिला और 19 पुरुष शामिल थे।
 
कांवड़ यात्री पैदल यात्रा मार्ग गंगोत्री से जल भरकर त्रिजुगीनारायण-भटवाड़ी-बेलक-बूढ़ाकेदार से बूढ़ाकेदार पहुंचते हैं। इसके बाद वह घनसाली होकर पीपलडाली, कोटी, चंबा होते हुए ऋषिकेश जाते हैं।

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