पटना। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ एक आईएएस अधिकारी के एफआईआर दर्ज करवाने थाने पहुंचने के कारण बिहार की राजनीति में हड़कंप मच गया है। अधिकारी का नाम सुधीर कुमार है, जो 2017 में बीपीएससी पेपर लीक मामले में जेल जा चुके हैं।
शुक्रवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने गए आईएएस अधिकारी थाने में घंटों बैठे रहे, लेकिन उनकी एफआईआर दर्ज नहीं की गई। मामले पर अधिकारी का कहना है कि मुझे केवल थाने से एक रसीद मिली है। यह मामला धोखाधड़ी और फर्जी कागजात बनाने और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और अन्य के खिलाफ सबूतों से संबंधित है।
इस मामले को लेकर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि एक आईएएस अधिकारी 5 घंटे से अधिक समय तक थाने में बैठा रहा, लेकिन पुलिस ने उसकी एफआईआर दर्ज नहीं की। बिहार के मुख्यमंत्री को आगे आकर सफाई देनी चाहिए। मुख्यमंत्री के खिलाफ एफआईआर क्यों नहीं हो सकती?