West Bengal Crime News : पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना जिले की एक विशेष अदालत ने 10 वर्षीय लड़की से बलात्कार और हत्या के मामले में 2 महीने के अंदर 19 वर्षीय युवक को मौत की सजा सुनाई है। लड़की का शव 5 अक्टूबर को जयनगर कुलतली इलाके में एक तालाब से बरामद किया गया था। चौथी कक्षा की छात्रा ट्यूशन से घर लौटते समय लापता हो गई थी। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने फैसले की सराहना करते हुए इसे राज्य के इतिहास में अभूतपूर्व बताया। सरकार महिलाओं के खिलाफ अपराधों को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करने का दृष्टिकोण रखती है।
बरुईपुर में अतिरिक्त जिला न्यायाधीश सुब्रत चट्टोपाध्याय की पॉक्सो अदालत ने आरोपी को भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 65 (बलात्कार), 66 (पीड़िता की मृत्यु या अचेत अवस्था में पहुंचाने के लिए दंड) और 103 (हत्या) के अलावा यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के तहत दोषी ठहराया।
अदालत ने इस घटना को दुर्लभतम बताते हुए दोषी को मृत्युदंड सुनाया। पुलिस ने 30 अक्टूबर को आरोप पत्र दाखिल किया था और पांच नवंबर को शुरू हुआ मुकदमा सिर्फ 21 दिन में पूरा हो गया। यह घटना आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में चिकित्सक से बलात्कार और हत्या मामले को लेकर जारी विरोध के बीच हुई थी।
कोलकाता से लगभग 50 किलोमीटर दूर हुई इस घटना के बाद इलाके में हिंसक प्रदर्शन हुए थे। इस दौरान वाहनों का आग लगाने के अलावा एक पुलिस चौकी को तहस-नहस कर दिया गया था। साथ ही प्रदर्शनकारियों ने सड़कें भी बंद कर दी थीं।
राज्य सरकार ने मामले की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया था। मामले में विशेष लोक अभियोजक बिभास चटर्जी ने कहा कि जिस तेजी से जांच और सुनवाई की गई, उसे देखते हुए यह फैसला देश के आपराधिक न्यायशास्त्र के इतिहास में एक मिसाल कायम कर सकता है।
उन्होंने कहा, आरजी कर बलात्कार एवं हत्या मामले को लेकर आक्रोश के माहौल में यह फैसला साबित करेगा कि बंगाल की पुलिस और न्याय प्रणाली में सबकुछ गलत नहीं है। फैसला सुनाए जाने के बाद पीड़िता के पिता ने कहा, मैं अदालत का आभारी हूं। अपराधी को उसके अपराध की सजा मिलनी ही चाहिए।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने फैसले की सराहना करते हुए इसे राज्य के इतिहास में अभूतपूर्व बताया। उन्होंने सोशल मीडिया मंच एक्स पर एक पोस्ट में कहा, ऐसे मामले में दो महीने से भी कम समय में दोषसिद्धि और मृत्युदंड राज्य के इतिहास में अभूतपूर्व है।
उन्होंने कहा, मैं राज्य पुलिस और अभियोजन प्रक्रिया में शामिल सभी लोगों को इस उत्कृष्ट उपलब्धि के लिए बधाई देती हूं। सरकार महिलाओं के खिलाफ अपराधों को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करने का दृष्टिकोण रखती है। सरकार यह सुनिश्चित करती रहेगी कि न्याय में न तो देरी हो और न ही इनकार हो।
मुख्यमंत्री ने राज्य सचिवालय में पीड़िता के माता-पिता से मुलाकात की थी और उन्हें न्याय दिलाने में हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया था। तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने कहा, अगला बड़ा कदम अपराजिता बलात्कार रोधी विधेयक का देशव्यापी क्रियान्वयन है, क्योंकि मजबूत कानून ही ऐसे अत्याचारों के खिलाफ रोकथाम का एकमात्र तरीका है। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour