मुख्यमंत्री योगी को शिलान्यास का न्योता देगा इंडो इस्लामिक ट्रस्ट

Webdunia
शनिवार, 8 अगस्त 2020 (12:35 IST)
लखनऊ। उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड द्वारा अयोध्या में मस्जिद तथा अन्य निर्माण के लिए गठित ट्रस्ट उच्चतम न्यायालय के आदेश पर वक्फ बोर्ड को मिली जमीन पर बनने वाली 'जन सुविधाओं' के शिलान्यास के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को आमंत्रित करेगा।
 
'इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन' ट्रस्ट के सचिव और प्रवक्ता अतहर हुसैन ने शनिवार को कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर अयोध्या जिले के धन्नीपुर गांव में वक्फ बोर्ड को मिली 5 एकड़ जमीन पर अस्पताल, लाइब्रेरी, सामुदायिक रसोईघर और रिसर्च सेंटर बनाया जाएगा।
 
उन्होंने कहा कि यह सभी चीजें जनता की सुविधा के लिए होंगी और जनता को सहूलियत देने का काम मुख्यमंत्री का होता है। इसी हैसियत से इनके शिलान्यास के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को आमंत्रित किया जाएगा।
 
उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि मुख्यमंत्री इस कार्यक्रम में न सिर्फ शिरकत करेंगे, बल्कि इन जन सुविधाओं के निर्माण के लिए सहयोग भी करेंगे।
 
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को एक निजी टीवी चैनल को दिये गये साक्षात्कार में अयोध्या में मस्जिद के शिलान्यास कार्यक्रम में शिरकत किए जाने की संभावना संबंधी सवाल पर कहा था कि ना तो उन्हें बुलाया जाएगा और ना ही वह जाएंगे।
 
उन्होंने कहा था, 'अगर आप एक मुख्यमंत्री की हैसियत से यह सवाल पूछ रहे है तो मुझे किसी धर्म, मान्यता या समुदाय से कोई परहेज नहीं है लेकिन अगर आप मुझसे एक योगी के रूप में पूछ रहे है तो मैं हरगिज नही जाऊंगा, क्योंकि एक हिन्दू के रूप मुझे अपनी उपासना विधि का पालन करने का अधिकार है।'
 
मुख्यमंत्री ने कहा था, ' मैं न तो वादी हूं और न ही प्रतिवादी, इसलिये न तो मुझे बुलाया जायेगा और न ही मैं जाऊंगा। मुझे मालूम है कि मुझे इसका निमंत्रण नही मिलेगा।
 
इस सवाल पर कि क्या योगी मस्जिद की आधारशिला भी रखेंगे, हुसैन ने कहा कि इस्लाम के सभी चार विचार केंद्रों हनफी, हम्बली, शाफई और मालिकी में से किसी में भी मस्जिद की नींव रखने के लिए कार्यक्रम आयोजित करने का प्रावधान नहीं है, लिहाजा इस सवाल का कोई आधार नहीं बनता।
 
क्या धन्नीपुर गांव में बनने वाली मस्जिद का नाम 'बाबरी मस्जिद' रखा जाएगा, इस सवाल पर ट्रस्ट के सचिव ने कहा कि ऐसा कोई विचार नहीं है और ट्रस्ट द्वारा बनवाई जाने वाली किसी भी इमारत का अभी तक कोई नाम तय नहीं किया गया है।
 
उन्होंने स्पष्ट करते हुए कहा कि मस्जिद-ए-नबवी और कुछ अन्य गिनी चुनी मस्जिदों को छोड़कर बाकी किसी भी मस्जिद का नाम मायने नहीं रखता। अल्लाह के नजर में मस्जिद में किए गए सजदे ही मायने रखते हैं, बाकी सब बेमानी है।
 
गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय ने गत 9 नवंबर को अपने फैसले में अयोध्या के विवादित स्थल पर राम मंदिर का निर्माण कराने और उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड को मस्जिद के निर्माण के लिए अयोध्या में किसी प्रमुख स्थान पर 5 एकड़ जमीन देने का आदेश जारी किया था। (भाषा)
 

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

सेक्‍स हाइवे पर नेताजी की डर्टी पिक्‍चर, अब सेक्‍स कांड में धाकड़ खुलासा, कौन है वीडियो में दिख रही महिला?

कौन हैं अनुष्का यादव, जिनके साथ 12 साल से रिलेशन में लालू पुत्र तेज प्रताप

प्रधानमंत्री को 60 लाख रुपए चाहिए, 1971 का एक सनसनीखेज घोटाला, जिसने देश को हिला दिया था

न तो सद्भावना है और न ही मि‍त्रता, फिर सिंधु जल संधि कैसी

लव जिहादी मोहसिन के दोनों भाई फरार, पूरा परिवार पुलिस के रडार पर

सभी देखें

नवीनतम

Corona के नए वैरिएंट से डरने की जरूरत नहीं, सावधानी अब भी जरूरी

तेज प्रताप और उनकी प्रेमिका को लेकर जीतनराम मांझी ने कसा तंज, बोले- किसने दिया किसी की जिंदगी बर्बाद करने का अधिकार

केरल में एक जगह का नाम पाकिस्तान मुक्कू, सरकार से बदलने का अनुरोध

कौन हैं अनुष्का यादव, जिनके साथ 12 साल से रिलेशन में लालू पुत्र तेज प्रताप

Weather Update : महाराष्ट्र में जल्द ही दस्तक देगा मानसून, रत्नागिरि और सिंधुदुर्ग में रेड अलर्ट

अगला लेख