इंदौर में लड़की को जिंदा जलाने वाला एएसआई गिरफ्तार

Webdunia
रविवार, 1 फ़रवरी 2015 (18:43 IST)
इंदौर। पुलिस ने अपने ही महकमे के सहायक उप निरीक्षक (एएसआई) को 11 वर्षीय लड़की की जिंदा जलाकर हत्या करने के आरोप में आज यहां गिरफ्तार किया। उसे उसके पद से निलंबित भी कर दिया गया। यह कदम इस मामले में पुलिस की कार्यप्रणाली के खिलाफ जनता के विरोध प्रदर्शन के बाद उठाए गए। 

शहर पुलिस अधीक्षक (सीएसपी) आरसी राजपूत ने बताया कि एएसआई प्रेमप्रकाश जारोलिया (35) को सिकंदराबाद कॉलोनी में यास्मीन (11) की जिंदा जलाकर हत्या करने के आरोप में पकड़ा गया। लगभग 100 प्रतिशत जली लड़की की महाराजा यशवंतराव अस्पताल में इलाज के दौरान कल 31 जनवरी को मौत हो गई थी।
 
उन्होंने चश्मदीदों के बयानों के हवाले से बताया कि सिकंदराबाद कॉलोनी में रहने वाली यास्मीन को सहायक उप निरीक्षक (एएसआई) प्रकाश जारोलिया ने 29 जनवरी को अपनी साइकिल चलाते देख कथित तौर पर सरेआम पीटा था। 
 
आरोप है कि एएसआई ने लड़की को यह धमकी भी दी थी कि वह साइकिल चोरी के आरोप में उसकी और उसके परिवार की पुलिस थाने में रिपोर्ट दर्ज कराके उन्हें जेल भिजवा देगा।
 
राजपूत ने कहा कि इस घटनाक्रम के बाद यास्मीन अपने घर में संदिग्ध हालात में जल गई थी और जारोलिया अपने परिवार समेत फरार हो गया था। सीएसपी ने कहा, ‘हमने लड़की की मां रेहाना बी का आज बयान दर्ज किया, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया कि उनकी बेटी को एएसआई ने जिंदा जलाया है। 
 
इसके बाद हमने पुलिसकर्मी के खिलाफ भारतीय दंड विधान की धारा 302 के तहत हत्या का मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया। हम मामले की विस्तृत जांच कर रहे हैं।’ 
इस बीच, इंदौर रेंज की महिला अपराध निरोधक शाखा के पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) आरपी श्रीवास्तव ने बताया कि धार जिले के पुलिस अधीक्षक ने जारोलिया को उसके पद से निलंबित कर दिया है।
 
उन्होंने बताया कि जारोलिया की मूल तैनाती पड़ोसी धार जिले में है लेकिन वह महिला अपराध निरोधक शाखा के इंदौर स्थित आईजी कार्यालय में पिछले तीन महीने से अटैच था, क्योंकि इस दफ्तर में स्टाफ की कमी है।
 
यास्मीन की कथित हत्या को पुलिस द्वारा खुदकुशी का प्रकरण बताए जाने के विरोध में कल देर शाम सैकड़ों लोगों ने सदर बाजार थाने का घेराव किया और एएसआई पर कत्ल का मामला दर्ज करने की मांग की थी। वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने प्रदर्शनकारियों को इस मामले में उचित कदम उठाने का भरोसा दिलाया था। 
 
11 साल की यास्मीन को परिजनों ने 100 फीसदी जली अस्वस्था में अस्पताल में दाखिल करवाया गया था, लेकिन वह मरने के पहले पुलिस को बयान नहीं दे सकी। अलबत्ता अस्पताल में जब वह अंतिम सांसे ले रही थी, तब उसने परिजनों से कुछ बात की और वहां मौजूद एक रिश्तेदार ने उसका वीडियो बना लिया था। 
 
जब उसने वीडियो अपने मोहल्ले में जाकर बताया, तब लोगों का गुस्सा बेकाबू हो गया और उन्होंने थाने पर जमकर हंगामा करते हुए आरोपी को गिरफ्तार करने की मांग की थी। परिजनों का कहना है कि वह यास्मीन का अंतिम वीडियो बतौर सबूत के कोर्ट में पेश करेंगे और आरोपी को सजा दिलवाएंगे। 
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